सार

भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। बांसुरी को दिल्ली राज्य बीजेपी के लीगल सेल (Delhi BJP Legal Cell) का को-कंवेनर बनाया गया है।

 

Bansuri Swaraj. भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। बांसुरी को दिल्ली राज्य बीजेपी के लीगल सेल (Delhi BJP Legal Cell) का को-कंवेनर बनाया गया है। दिल्ली बीजेपी के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बांसुरी स्वराज का यह अप्वाइंटमेंट तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और यह उनकी पहली नियुक्ति है। बीजेपी की तरफ से जारी लेटर में सचदेवा ने कहा है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि बांसुरी स्वराज बीजेपी को मजबूत करने का काम करेंगी।

बांसुरी ने पीएम को किया धन्यवाद

बीजेपी में अहम जिम्मेदारी मिलने पर बांसुरी ने पीएम नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं को धन्यवाद कहा है। बांसुरी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीएल संतोष जी, वीरेंद्र सचदेवा, बीजेपी फॉर दिल्ली और बीजेपी फॉर इंडिया को शुक्रिया कहना चाहती हूं। जिन्होंने मुझे यह अहम जिम्मेदारी दी है, मैं पूरी निष्ठा से बीजेपी की सेवा करूंगी। बांसुरी सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं और वे बीजेपी की कद्दावर नेता दिवगंत सुषमा स्वराज की बेटी हैं।

2019 में सुषमा स्वराज का निधन

बीजेपी की कद्दावर नेता और शानदार वक्ता रहीं सुषमा स्वराज का 2019 में 67 साल की उम्र में निधन हो गया था। 14 फरवरी 1952 को जन्मीं सुषमा स्वराज ने 25 साल की उम्र में राजनीति में कदम रख दिया था और 1977 में उन्होंने हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता। तब उन्हें हरियाणा में लेबर एंड एंप्ल्यामेंट का कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था। वे 1987 से 1990 तक हरियाणा में शिक्षा मंत्री और फूड एंड सिविल सप्लाईज मंत्री भी रहीं। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में सुषमा स्वराज ने कई पोर्टफोलियो को सेवाएं दीं। वे पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में देश की विदेश मंत्री बनीं। 1998 में वे कुछ समय के लिए दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रहीं।

यह भी पढ़ें

मणिपुर हिलाने वाली Murder Mystery: 12th के स्टूडेंट से ऐसी क्या दुश्मनी थी कि गोलियां मार दीं, पिता पैरालाइज्ड, मां खदान मजदूर