DMK मंत्री के पोनमुडी ने तिलक और सेक्स वर्कर पर विवादित बयान दिया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। पार्टी ने उन्हें उप महासचिव पद से हटा दिया। कनिमोझी और अन्नामलाई ने भी बयान की निंदा की है।
DMK Minister K Ponmudi: तमिलनाडु के वन मंत्री और सीनियर डीएमके नेता के पोनमुडी अपने गंदे बोल के चलते विवाद में फंस गए हैं। एक सार्वजनिक सभा में पोनमुडी ने हिंदू धर्म मानने वालों द्वारा लगाए जाने वाले तिलक और सेक्स वर्कर को लेकर आपत्तिजनक बातें कहीं।
मामले के तूल पकड़ने के बाद डीएमके ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पोनमुडी को पार्टी के उप महासचिव पद से हटा दिया। पोनमुडी की जगह तिरुचि एन शिवा को इस पद पर नियुक्त किया गया है।
के पोनमुडी दिया ये विवादित बयान
पोनमुडी ने कहा, "महिलाएं, कृपया गलतफहमी न पालें।" इसके बाद उन्होंने एक चुटकुला सुनाया। कहा, "एक आदमी एक सेक्स वर्कर के पास जाता है। महिला पूछती है कि वह शैव है या वैष्णव। आदमी को समझ में नहीं आता है तो वह पूछती है कि अपने माथे पर किस तरह का तिलक लगाता है। पट्टाई (क्षैतिज तिलक, जो शैव धर्म से जुड़ा है) या नामम (लंबवत तिलक, जो वैष्णव धर्म से जुड़ा है)। महिला इसके बाद कहती है कि अगर वह शैव है तो पोजिशन “लेटने” की होगी और वैष्णव है तो “खड़े होने” की।
सांसद कनिमोझी ने की पोनमुडी की निंदा
डीएमके सांसद कनिमोझी ने पोनमुडी के बयान की निंदा की। X पर उन्होंने पोस्ट किया, "मंत्री पोनमुडी का हालिया भाषण स्वीकार नहीं किया जा सकता। भाषण का कारण चाहे जो भी हो, उन्होंने अभद्र बातें की हैं। इसकी निंदा करती हूं।"
अन्नामलाई बोले- शर्म से सिर झुकाएं एमके स्टालिन
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने पोनमुडी के बयान को लेकर डीएमके पर निशाना साधा। उन्होंने X पर पोस्ट किया, "केवल यह मंत्री ही नहीं, डीएमके का पूरा तंत्र अश्लील, अपशब्द बोलने वाला और असभ्य है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को ऐसे समूह का नेतृत्व करने के लिए शर्म से सिर झुकाना चाहिए।"
एक्ट्रेस और भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने X पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को टैग करते हुए लिखा, "क्या आपमें कभी उन्हें उनकी कुर्सी और पद से हटाने की हिम्मत होगी? या आपको और आपकी पार्टी को महिलाओं और हिंदू धर्म का अपमान करने से सुख मिलता है?"
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे हिंदू धर्म पर डीएमके के हमलों की अगली कड़ी बताया है। एक्स पर किए गए पोस्ट में उन्होंने सनातन धर्म के बारे में उदयनिधि स्टालिन के बयान की याद दिलाई। कहा, "चाहे डीएमके, कांग्रेस, टीएमसी या आरजेडी हो ये सभी हिंदू मान्यताओं के प्रति साझा तिरस्कार से एकजुट दिखते हैं।"
