सार
तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा लावण्या के सुसाइड मामले को लेकर प्रदर्शनरत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी सहित कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने अरेस्ट किया है। इस मामले में तमिलनाडु सरकार की संदिग्ध भूमिका सामने आई है।
चेन्नई(Chennai).तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय छात्रा लावण्या के सुसाइड मामले ने राजनीति तूल पकड़ लिया है। इस मामले में सरकार की भूमिका संदिग्ध मानते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने अरेस्ट किया है। सिर्फ तमिलनाडु नहीं, देश के दूसरे राज्यों में भी इस मामले को लेकर ABVP ने प्रदर्शन किया। मुंबई में भी कई प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। ABVP ने पुलिस पर बर्बरता बरतने का आरोप लगाया है। (पहली तस्वीर मुंबई में सायन सर्कल की है, जहां लावण्या सुसाइड मामले में प्रदर्शन कर रहे ABVP के 60 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया)
मुख्यमंत्री निवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे ABVP कार्यकर्ता
पुलिस पर आरोप है कि उसने कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण बर्ताव किया और फिर ABVP की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी, राष्ट्रीय मंत्री मुथु रामलिंगम, दक्षिण प्रांत प्रदेश मंत्री सुशीला सहित कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि इस मामले की मुख्य आरोपी नन सागया मैरी(Sagaya Mary) को 18 दिन बाद बेल मिल गई। इस दौरान द्रमुक विधायक इनिगो इरुदयाराज(DMK MLA Inigo Irudayaraj) जेल के बाहर उनका स्वागत करते देखे गए। इस तस्वीर ने तमिलनाडु सरकार की किरकिरी करा दी है।
लावण्या को न्याय दिलाने तक जारी रहेगा आंदोलन
बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच CBI को सौंपी है। इसके खिलाफ तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। 14 फरवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच रोकने से इनकार कर दिया है। वहीं, तमिलनाडु पुलिस को आदेश दिया कि वो अपनी तरफ से जुटाए सबूत CBI को सौंपे। साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले में बहुत कुछ जांच होनी है, इसलिए वो इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और CBI को नोटिस जारी करके तीन हफ्ते में समय मांगा है।
ABVP के राष्ट्रीय मंत्री गजेन्द्र तोमर ने कहा,"तमिलनाडु सरकार तथा प्रशासन, लावण्या की आत्महत्या के मामले को दबाने के लिए सारे संभव हथकंडे अपना रहे हैं, परंतु अभाविप का प्रत्येक कार्यकर्ता लावण्या को न्याय मिलने तक संघर्षरत रहने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी गलती और मिशनरियों के दुष्कर्म को छिपाने के लिए राज्य सरकार उच्च न्यायालय के आदेश की भी अवहेलना करने से नहीं चूक रही है। हम लावण्या को न्याय मिलने तक लड़ते रहेंगे।”
ABVP की राष्ट्रीय महामंत्री कु. प्रेरणा पवार ने कहा, “तमिलनाडु सरकार ने बर्बरता की हदों को पार कर दिया है। सरकार लावण्या की जांच की आवाज़ को दबाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है। ABVP ने धर्मांतरण के खिलाफ भी आवाज उठाने का ऐलान किया है।
वॉर्डन पर हैं गंभीर आरोप
मरने से पहले छात्रा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि हॉस्टल में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। छात्रा ने 9 जनवरी को जहर खा लिया था। उसकी 19 जनवरी को मौत हो गई थी। भाजपा ने आरोप लगाया था कि यह धर्म परिवर्तन का मामला है। पार्टी ने सीबीआई जांच की भी मांग की थी। इतना ही नहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी आत्महत्या की जांच के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया था। मद्रास हाईकोर्ट ने इससे पहले 24 जनवरी को मौत से पहले पीड़िता का वीडियो बनाने वाले को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होने का आदेश दिया था।