सार

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मृत्यु से पहले उसका बयान दर्ज किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने छात्रा ने अपने बयान में सीधा और स्पष्ट आरोप लगाया कि छात्रावास वार्डन ने उस पर गैर शैक्षणिक कामों का बोझ डाला, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या का रास्ता चुना।

चेन्नई। तमिलनाडु के तंजावुर जिले (Thanjavur) में एक ईसाई मिशनरी स्कूल की 17 वर्षीय छात्रा के सुसाइड केस में सीबीआई (CBI) ने मामला दर्ज कर लिया है। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि उसे मिशनरी स्कूल द्वारा ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया। इसकी वजह से वह तनाव में थी और सुसाइड कर लिया। मृत्यु से पहले छात्रा ने अपने बयानों में यह जानकारी मजिस्ट्रेट को दी थी।

मृत्यु से पहले लगाया था गैर शैक्षणिक काम कराने का आरोप

मिशनरी स्कूल की छात्रा लावण्या (Lavanya) ने कीटनाशक खाकर सुसाइड किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मृत्यु से पहले उसका बयान दर्ज किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने छात्रा ने अपने बयान में सीधा और स्पष्ट आरोप लगाया कि छात्रावास वार्डन ने उस पर गैर शैक्षणिक कामों का बोझ डाला, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या का रास्ता चुना। हाईकोर्ट ने इस मामले में राय दी कि यह जांच सही रास्ते पर आगे नहीं बढ़ रही थी, क्योंकि सरकार के एक मंत्री स्कूल के पक्ष में बात कर रहे हैं। कोर्ट ने माना कि ऐसी स्थिति में राज्य पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। इसके बाद यह मामला CBI को सौंप दिया गया था।

वॉर्डन पर धर्म परिवर्तन का आरोप

मरने से पहले छात्रा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि हॉस्टल में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। छात्रा ने 9 जनवरी को जहर खा लिया था। उसकी 19 जनवरी को मौत हो गई थी। 

वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने बनाया मुद्दा

भाजपा (BJP) ने आरोप लगाया था कि यह धर्म परिवर्तन का मामला है। पार्टी ने सीबीआई जांच की भी मांग की थी। इतना ही नहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा (JP Nadda) ने भी आत्महत्या की जांच के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया था। मद्रास हाईकोर्ट ने इससे पहले 24 जनवरी को मौत से पहले पीड़िता का वीडियो बनाने वाले को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होने का आदेश दिया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने दी तमिलनाडु सरकार को नसीहत

इस मामले में धर्मांतरण के आरोप लगे हैं। राज्य सरकार ने CBI जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जांच रोकने से इनकार कर दिया। वहीं, तमिलनाडु पुलिस (Tamil Nadu Police) को आदेश दिया कि वो अपनी तरफ से जुटाए सबूत CBI को सौंपे। साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले में बहुत कुछ जांच होनी है, इसलिए वो इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और CBI को नोटिस जारी करके तीन हफ्ते में समय दिया था।