सार
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन पर लिखी गई भारत की पहली सचित्र पुस्तक का विमोचन किया। प्रसिद्ध लेखक और उत्तराखंड के पूर्व सांसद तरुण विजय ने डॉ मुखर्जी के जीवन पर आधारित इस शानदार कॉफी टेबल बुक को लिखा है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन पर लिखी गई भारत की पहली सचित्र पुस्तक का विमोचन किया। 'द वारियर डेमोक्रेट' शीर्षक वाली इस पुस्तक का विमोचन मुखर्जी परिवार की उपस्थिति में उनके पैतृक घर में हुआ। डॉ मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह से शेष भारत में विलय करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया था। प्रसिद्ध लेखक और उत्तराखंड के पूर्व सांसद तरुण विजय ने डॉ मुखर्जी के जीवन पर आधारित इस शानदार कॉफी टेबल बुक को लिखा है।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि 370 के संवैधानिक प्रावधान और राज्य के दूसरे झंडे को हटाना पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद के शेर डॉ मुखर्जी को दी गई सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि वह यह देखकर हैरान रह गए थे कि कोलकाता राजभवन में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का एक भी चित्र मौजूद नहीं है। उन्होंने तुरंत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मदद से चित्र का उद्घाटन किया था।
पुस्तक में हैं डॉ. मुखर्जी की कई अनदेखी तस्वीरें
पुस्तक के लेखक तरुण विजय ने कहा कि यह एक दशक पुराने काम का परिणाम है, जिसने आखिरकार मोदी सरकार के तहत दिन के उजाले को देखा। 500 चित्रों वाली विश्व स्तरीय पुस्तक भारत सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित की गई है। इसमें डॉ. मुखर्जी के बचपन से लेकर अंतिम यात्रा तक की कई अनदेखी और दुर्लभ तस्वीरें हैं। यह पुस्तक डॉ मुखर्जी के जीवन और कार्यों पर पूरी तरह से अलग प्रकाश डालती है। वह एक महान शिक्षाविद् और पारिवारिक व्यक्ति थे। श्रीनगर में उनकी असामयिक मौत की नए सिरे से जांच की जरूरत है। अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत की कई बार जांच की जा सकती है तो हम शेख अब्दुल्ला की श्रीनगर जेल में डॉ मुखर्जी की रहस्यमय मौत की नई और शायद पहली जांच क्यों नहीं करते?
मुखर्जी के प्रपौत्र न्यायमूर्ति चित्तोष मुखर्जी, उनकी प्रपौत्री डॉ देबदत्त चक्रवर्ती, पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय, बंगाल से भाजपा सांसद दिलीप घोष और महानिदेशक, प्रकाशन विभाग मोनिदीपा मुखर्जी भी पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान डॉ मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी गई और ऐसी ऐतिहासिक पुस्तक के प्रकाशन के लिए तरुण विजय के प्रयासों की सराहना की गई। इस पुस्तक को देश के जाने-माने कला निर्देशक श्रेयांश बैद ने डिजाइन किया है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान उन्हें भी सम्मानित किया गया।