सार
जम्मू-कश्मीर के रियासी में श्रद्धालुओं से भरी बस पर आतंकियों ने हमला किया था, जिससे 7 लोगों की मौत हुई और 33 घायल हो गए। इस घटना में तीन विदेशी आतंकी भी शामिल थे। वे अमेरिकी राइफल M4 से लैस थे।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के रियासी में रविवार को आतंकियों ने वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हमला किया था। इसके चलते 9 लोगों की मौत हुई और 33 लोग घायल हो गए। इस घटना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि हमले को तीन विदेशी आतंकी भी शामिल थे। इनके पाकिस्तानी होने का शक है। आतंकी अमेरिका में बने M4 राइफल से लैस थे। इलाके में तीन आतंकी समूह ऑपरेट कर रहे हैं। अपुष्ट रिपोर्टों के अनुसार रियासी क्षेत्र के ऊपरी इलाकों में कम से कम दो आतंकवादी छिपे हुए हैं। उन्हें ढूँढने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
पाकिस्तानी सेना करती है M4 कार्बाइन इस्तेमाल
M4 कार्बाइन को 1980 के दशक में विकसित किया गया था। इसका इस्तेमाल दुनिया भर की सेनाओं द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है। पाकिस्तानी सेना और सिंध पुलिस की विशेष सुरक्षा इकाई भी इस राइफल का इस्तेमाल करती है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले की निंदा की है और कहा है कि स्थिति पर नरेंद्र मोदी खुद नजर रख रहे हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि यह हमला 53 लोगों को शिव खोर गुफा मंदिर ले जा रही एक बस पर हुआ था। गोलीबारी होने पर बस सड़क से उतरकर तेराथ नाम के गांव के पास खाई में गिर गई थी।
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आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है जिम्मेदारी
बस पर हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। यह पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा है। भारत ने इसे 2023 में आतंकवादी संगठन घोषित किया था। इसकी स्थापना 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किया गया। TRF जम्मू-कश्मीर में हुए दर्जनों आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है।