सार

तिरुपति मंदिर में 2024 में भक्तों ने रिकॉर्ड तोड़ दान दिया है! 2.55 करोड़ भक्तों ने दर्शन किए और दान पेटी में 1365 करोड़ रुपये जमा हुए। क्या है इस बढ़ोतरी का कारण?

तिरुपति : देश में सबसे ज्यादा लोग तिरुपति मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। हर दिन करोड़ों रुपये दान में आते हैं। दुनिया के सबसे अमीर भगवान कहे जाने वाले वेंकटेश्वर को 2024 में भक्तों ने कितना दान दिया, इसकी जानकारी सामने आई है। तिरुपति में साल दर साल दर्शन करने वालों की संख्या बढ़ रही है। दान पेटी से होने वाली कमाई भी बढ़ रही है। आने वाले सालों में यह और बढ़ सकती है। 2024 खत्म हो गया है और 2025 शुरू हो गया है। वैकुंठ एकादशी भी नजदीक है, इसलिए तिरुमला तिरुपति देवस्थानम में भक्तों की भीड़ बढ़ गई है। 10 जनवरी से तिरुपति में दर्शन की व्यवस्था में बदलाव होने वाला है, इसलिए कई लोग परिवार सहित तिरुपति दर्शन के लिए आ रहे हैं। इसीलिए तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने 2024 में तिरुपति मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों और मंदिर की कमाई की जानकारी जारी की है।

TTD के मुताबिक, 2024 में कुल 2.55 करोड़ भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए। इससे दान पेटी में रिकॉर्ड 1365 करोड़ रुपये जमा हुए। इसके अलावा कुछ लोगों ने सोना, कीमती रत्न, विदेशी मुद्रा, गुड़, सब्जी, दूध, घी, नया अनाज, गाय, जमीन और दूसरी चीजें दान में दीं। कुल 99 लाख लोगों ने मुंडन करवाया।

यह तिरुपति मंदिर के इतिहास में सबसे ज्यादा दान पेटी कलेक्शन है। करीब 150 करोड़ रुपये की संपत्ति मंदिर को दान में दी गई। 2024 में हफ्ते के दिनों में औसतन 3.6 करोड़ रुपये दान पेटी में जमा हुए। वीकेंड पर यह आंकड़ा 3.85 करोड़ रुपये रहा। साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर को मंदिर को 4.10 करोड़ रुपये दान में मिले।

पिछले तीन सालों में हर दिन सिर्फ 70 हजार भक्तों को ही तिरुपति में दर्शन करने दिया जाता था। इससे सालाना दान पेटी कलेक्शन करीब 1200 करोड़ रुपये होता था। लेकिन कोविड के बाद, हर दिन 80 हजार भक्तों को दर्शन की व्यवस्था की गई। इससे दान पेटी की कमाई बढ़ गई। 2024 में 6.30 करोड़ भक्तों को अन्नप्रसाद दिया गया। इसमें दर्शन करने वाले भक्त और ब्रह्मोत्सव में आए स्वयंसेवक भी शामिल हैं।

2025 में कमाई और बढ़ेगी: 2025 में मंदिर की कमाई और बढ़ सकती है। क्योंकि 2025 में वीकेंड पर कई छुट्टियां पड़ रही हैं और दो वैकुंठ एकादशी सहित कई बड़े त्योहार भी हैं। तिरुमला आने वाले भक्तों की संख्या और उनके दान से होने वाली कमाई बढ़ने की उम्मीद है।