सार

मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने के वादे मोदी सरकार पूरा करने के लिए लोकसभा में मंजूरी के लिए विधेयक रखेगी। सरकार का इस दिशा में ये दूसरा कदम होगा। इससे पहले मई में दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने विधेयक का मसौदा पेश किया था। बिल चर्चा के बाद इसे पारित करने की संभावना है।  बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित रहने को कहा है। पीएम मोदी इस बिल को लेकर अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर चुके है। आइए हम बतातें बिल से जुड़ी अहम बातें......
 


नई दिल्ली. मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने के वादे को मोदी सरकार पूरा करने के लिए लोकसभा में मंजूरी के लिए ट्रिपल तलाक विधेयक रखेगी। सरकार का इस दिशा में ये दूसरा कदम होगा। इससे पहले मई में दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने विधेयक का मसौदा पेश किया था। बिल पर चर्चा के बाद इसे पारित करने की संभावना है।  बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित रहने को कहा है। पीएम मोदी इस बिल को लेकर अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर चुके है। यह है बिल से जुड़ी अहम बातें......

  • तीन तलाक को अगर मंजूरी मिल जाती है, तो कानून गैरजमानती बना रहेगा। आरोपी जमानत मांगने के लिए सुनवाई से पहले भी जज से गुहार लगा सकते हैं।
  •  गैरजमानती कानून के तहत, जमानत थाने में हीं नहीं दी जा सकेगी। यह प्रावधान इस वजह से जोड़ा गया है, ताकि जज महिला को सुनने के बाद जमानत दे सकें। सरकार ने साफ किया है, कि प्रस्तावित कानून में तीन तलाक का अपराध गैरजमानती बना रहेगा। 
  •  जज तय करेंगे कि जमानत केवल तब ही दी जाए जब पति विधेयक के अनुसार पत्नी को मुआवजा देने पर राजी हो।  मुआवजे की राशि जज तय करेंगे। 
  • पुलिस केवल तब एफआईआर दर्ज करेगी, जब पीड़ित पत्नी उसके रिश्तेदार या शादी के बाद उसके ससुरालपक्ष से किसी व्यक्ति की ओर से पुलिस से गुहार लगाई जाती है।

 

बिल से आपत्ति और सहमति

  •  बिल में एक बार में तीन तलाक को अवैध ठहराया गया है। विपक्षी दलों ने भी इसका समर्थन किया है। 
  •  तीन तलाक देने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है। विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। 
  •  बिल में तीन तलाक को  गैरजमानती अपराध रखा गया है। विपक्षी दलों की दलील है इसे जमानती बनाया जाए।
  •  तीन तलाक देने पर पति पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। विपक्षी दलों और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को इस पर आपत्ति है।
  •  पति पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि जज तय करेगा, विपक्षियों को इस पर भी आपत्ति है।
  •  बोलकर लिखकर, अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से तीन तलाक देना भी अवैध होगा। इस पर सभी की सहमति है।
  •  नाबालिग बच्चे को रखने का अधिकार महिला के पास होगा। इसको लेकर भी विरोध है। जिसमें कहा गया है कि पति जेल में होगा तो उसका भरण पोषण कैसे होगा। 
  •  गुजारा भत्ता और भरन पोषण का फैसला जज करेंगे, इस पर भी विरोध जारी है।

 

राज्यसभा में अटक सकता है  बिल
सद के पहले सत्र में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस से अपील की थी कि वो समान नागरिक संहिता और शाहबानों केस की तरह यह मौका हाथ से न गंवाए। लोकसभा में सरकार को बहुमत है लेकिन बिल राज्यसभा में अटक सकता है। राज्यसभा में सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है।