सार
सत्ताधारी टीआरएस पार्टी के विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के मामले में एक विधायक ने एफआईआर दर्ज कराया है। मामला तूल पकड़ने के बाद केसीआर सरकार ने 9 नवम्बर को सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। स्पेशल एसआईटी को इस मामले की जांच सौंपी गई थी।
Telangana MLAs poachgate: तेलंगाना में केसीआर की पार्टी के विधायकों की खरीद फरोख्त केस की जांच सीबीआई करेगी। हाईकोर्ट ने तेलंगाना विधायक खरीद मामले को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का आदेश दिया है। दरअसल, राज्य सरकार ने इस मामले में एसआईटी गठित की थी। कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी ने जांच को जारी रखा था।
राज्य सरकार ने किया था एसआईटी गठित
सत्ताधारी टीआरएस पार्टी के विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के मामले में एक विधायक ने एफआईआर दर्ज कराया है। मामला तूल पकड़ने के बाद केसीआर सरकार ने 9 नवम्बर को सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। स्पेशल एसआईटी को इस मामले की जांच सौंपी गई थी। एसआईटी को लीड हैदराबाद पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद कर रहे हैं। जबकि रेमा राजेश्वरी-एसपी नलगोंडा, कलमेश्वर शिंगेनावर-डीसीपी क्राइम साइबराबाद और आर जगदीश्वर रेड्डी-डीसीपी, शमशाबाद आदि शामिल हैं।
पायलट रोहित रेड्डी ने दर्ज कराया था केस
विधायक खरीद केस में टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी ने एफआईआर दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि उनसे तथा कई साथी विधायकों से कथित तौर पर संपर्क किया गया था। टीआरएस छोड़ने के लिए प्रत्येक विधायक को 100 करोड़ रुपये देने की पेशकश की गई थी। साथ ही यह कहा गया था कि सभी को बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना होगा। विधायक के अनुसार, दो आरोपी बीजेपी से संबंधित हैं। विधायक ने बताया कि अगर वह ऑफर स्वीकार नहीं करते हैं तो ईडी या सीबीआई जैसी एजेंसियों की जांच का सामना करेंगे। पायलट रोहित रेड्डी की तहरीर पर तेलंगाना पुलिस ने केस दर्ज कर चार लोगों को अरेस्ट किया था। अरेस्ट लोगों में रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंद कुमार और सिम्हाजी स्वामी शामिल हैं।
केसीआर ने जारी किया डील का वीडियो फुटेज
मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने डील का वीडियो फुटेज जारी कर यह आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के विधायकों को बीजेपी द्वारा तोड़ने की साजिश रची गई थी लेकिन ऑपरेशन लोटस को विफल कर दिया गया है। टीआरएस ने बताया कि पुलिस द्वारा जब्त किए गए फोन कॉल डेटा को हाईकोर्ट को सौंप दिया गया है। इसके अलावा 3 घंटे की अवधि का बिना संपादित वीडियो भी हाईकोर्ट को दिया गया है। साथ ही एडिटेड एक घंटे का वीडियो भी मीडिया को दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर...
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