सार

तुर्किए में भूकंप (Turkey earthquake) पीड़ितों की मदद के बाद शुक्रवार को एनडीआरएफ की एक टीम भारत लौट आई। एनडीआरएफ के जवान तुर्किए के अदाना एयरपोट पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।

नई दिल्ली। तुर्किए में 6-7 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप (Turkey earthquake) के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन दोस्त (Operation Dost) के तहत एनडीआरएफ के कर्मियों को राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए भेजा था। 10 दिन तक मलबे में दबे लोगों की जान बचाने के बाद शुक्रवार को एनडीआरएफ की एक टीम भारत लौट आई।

राहत और बचाव अभियान पूरा होने के बाद भारत लौटने के लिए एनडीआरएफ के जवान तुर्किए के अदाना एयरपोट पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। लोगों ने ताली बजाकर एनडीआरएफ के जवानों का आभार व्यक्त किया। एनडीआरएफ के जवान वायुसेना के विमान से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरपोर्ट पर पहुंचे। NDRF की 47 सदस्यीय टीम में डॉग स्क्वायड के सदस्य रेम्बो और हनी भी साथ थे।

NDRF में सब-इंस्पेक्टर शिवानी अग्रवाल ने कहा कि मेरी पूरी टीम वापस आ गई है। टीम में पांच महिलाएं भी शामिल हैं। भूकंप ने तुर्किए को तबाह कर दिया है, स्थिति बहुत गंभीर है। हमने प्रभावित लोगों की मदद करने और उन्हें भावनात्मक रूप से समर्थन देने के लिए एक टीम के रूप में काम किया।

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तुर्किए और सीरिया में हुई है 44 हजार से अधिक लोगों की मौत
गौरतलब है कि तुर्किए और सीरिया में 6 फरवरी को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद 7 फरवरी तो भी विनाशकारी भूकंप आया था। भूकंप से दोनों देशों में मरने वालों की संख्या 44 हजार तक पहुंच गई है। भूकंप प्रभावित तुर्किए और सीरिया की मदद के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन दोस्त शुरू किया था। इसके तरह भारतीय सेना ने तुर्किए में अस्थायी हॉस्पिटल लगाया था। इसके साथ ही राहत और बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ के जवानों को भेजा गया था। एनडीआरएफ की टीम में खोजी कुत्ते भी शामिल थे। मलबे में दबे लोगों को जिंदा निकालने में इन कुत्तों ने अहम रोल निभाया।

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