तुर्की में बना यिहा कामिकेज़ ड्रोन, जिसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत पर हमला करने के लिए लॉन्च किया था, भारतीय वायु रक्षा ने हवा में ही मार गिराया। जानिए आत्मघाती ड्रोन की ताकत और भारत की सैन्य तैयारी।
नई दिल्ली। जब भी युद्ध या आतंकी हमले की बात होती है, तो अब सिर्फ बंदूक और मिसाइल ही नहीं, बल्कि ड्रोन सबसे खतरनाक हथियार बनकर सामने आ रहे हैं। हाल ही में भारतीय सेना ने एक ऐसा ही ड्रोन दुनिया के सामने दिखाया, जिसने पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया। इस ड्रोन का नाम है यिहा (Yiha)-जिसे तुर्की में बनाया गया, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इसे आसमान में ही मार गिराया।
आखिर Yiha ड्रोन को दिखाने की जरूरत क्यों पड़ी?
भारतीय सेना ने यह ड्रोन विजय दिवस के मौके पर प्रदर्शित किया। यह वही दिन है जब 1971 में भारत ने पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश को आज़ादी दिलाई थी। इस ड्रोन को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में दिखाया गया, ताकि यह साफ संदेश जाए कि भारत अब हर खतरे के लिए पूरी तरह तैयार है।
Yiha कामिकेज़ ड्रोन आखिर है क्या?
यिहा III एक कामिकेज़ क्लास ड्रोन है। आसान शब्दों में कहें तो यह एक आत्मघाती ड्रोन है।
कामिकेज़ ड्रोन का मतलब क्या होता है?
- यह ड्रोन एक बार हमला करने के लिए बनाया जाता है।
- इसमें विस्फोटक भरा होता है।
- यह लक्ष्य से टकराते ही खुद भी नष्ट हो जाता है।
- दुश्मन के सैन्य ठिकानों, एयरबेस या भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बना सकता है।
- यिहा ड्रोन को UCAV (Unmanned Combat Aerial Vehicle) कहा जाता है, यानी बिना पायलट का लड़ाकू विमान।
पाकिस्तान ने यिहा ड्रोन का इस्तेमाल क्यों किया?
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारत ने पाकिस्तान और PoJK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, तो पाकिस्तान बुरी तरह घबरा गया। इसके जवाब में उसने ड्रोन और मिसाइलों के झुंड से भारत पर हमला करने की कोशिश की। इसी दौरान पाकिस्तान ने तुर्की में बने यिहा ड्रोन को लाहौर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लॉन्च किया। इसका संभावित निशाना पंजाब का जालंधर था।
भारतीय वायु रक्षा ने यिहा ड्रोन को कैसे गिराया?
10 मई को यह ड्रोन लगभग 2,000 मीटर ऊंचाई पर उड़ रहा था। इसमें 10 किलो विस्फोटक पेलोड था। यह टकराते ही धमाका करने के लिए तैयार किया गया था। लेकिन भारतीय सेना की Army Air Defence (AAD) ने ड्रोन को समय रहते ट्रैक किया। हवा में ही उसे मार गिराया। किसी भी भारतीय ठिकाने को नुकसान नहीं होने दिया। यही वजह है कि पाकिस्तान का कोई भी ड्रोन या मिसाइल भारत को नुकसान नहीं पहुंचा।
यिहा ड्रोन कितना खतरनाक था?
- यिहा ड्रोन की कुछ खास खूबियां
- पंखों का फैलाव: लगभग 2 मीटर
- इंजन: 170 CC टू-स्ट्रोक इंजन
- सिंगल यूज़ अटैक सिस्टम
- लक्ष्य के ऊपर मंडराने की क्षमता
- अगर यह ड्रोन अपने लक्ष्य तक पहुंच जाता, तो बड़ा नुकसान हो सकता था।
ऑपरेशन सिंदूर आखिर क्यों शुरू किया गया?
पहलगाम आतंकी हमला इसकी सबसे बड़ी वजह बना। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 बेगुनाह लोगों की हत्या कर दी। जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक था। धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। सिर्फ 88 घंटे में 9 आतंकी कैंप और 11 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया।
क्या यह भविष्य की जंग का संकेत है?
बिलकुल। ड्रोन वॉर अब भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान की सच्चाई है। लेकिन यिहा ड्रोन को मार गिराकर भारत ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम मजबूत है। पाकिस्तान की हर साजिश नाकाम होगी। भारत अब हर तकनीकी युद्ध के लिए तैयार है। तुर्की में बना यिहा कामिकेज़ ड्रोन पाकिस्तान की बड़ी उम्मीद था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने उसे सिर्फ मलबे में बदल दिया। यह घटना सिर्फ एक ड्रोन गिराने की नहीं, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और सुरक्षा तैयारी का साफ संदेश है।


