सार

हावड़ा एक्‍सप्रेस में सफर कर रही महिला को अचानक समय से पहले प्रसव पीड़ा होने लगी। इस दौरान स्टेशन काफी दूर था। इस बीच बोगी में सफर कर रही सेना की 172 वीं बटालियम की महिला डॉक्टर्स ने चलती ट्रेन में महिला की डिलिवरी कराई। 

कोलकाता. संकट के समय अक्सर संकट मोचक बनने वाली भारतीय सेना ने एक बार फिर सहायता कर सेवा के भाव को साबित किया है। दरअसल, शनिवार को चलती ट्रेन में सेना की दो डॉक्‍टरों ने कुछ ऐसा किया जिसकी चारों ओर सराहना हो रही है। सेना की इन डॉक्‍टरों ने हावड़ा एक्‍सप्रेस में एक गर्भवती की डिलिवरी कराई।

दूर था स्टेशन, धीरे चल रही थी ट्रेन

हावड़ा एक्‍सप्रेस में सफर कर रही महिला को अचानक समय से पहले प्रसव पीड़ा होने लगी। चूंकि ट्रेन कोहरे के बीच धीमी गति से चल रही थी, नजदीकी स्‍टेशन भी इतनी दूर था कि वहां तक पहुंचने का इंतजार नहीं किया जा सकता था। अगर तुरंत कुछ न किया जाता तो जच्‍चा और बच्‍चा दोनों की जान को खतरा हो सकता था।

फिर आगे आईं सेना की दो डॉक्टर

उसी डिब्‍बे में सफर कर रहीं सेना के 172 वें मिलिटरी हॉस्पिटल की दो डॉक्‍टरों कैप्‍टन ललिता और कैप्‍टन अमनदीप को इस बात की जानकारी मिली। जिसके बाद उन्‍होंने आनन-फानन में प्रसव की तैयारी की और रेल के डिब्‍बे में ही महिला का प्रसव कराया। प्रसव कामयाब रहा, इसके विषय में सेना के अतिरिक्‍त महानिदेशक ने सेना के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, 'मां और बच्‍चा दोनों स्‍वस्‍थ हैं।'

ट्वीट की नवजात की तस्‍वीर

इस संदेश के साथ सेना की दोनों महिला डॉक्‍टरों और नवजात शिशु की फोटो भी ट्वीट की गई है। बताया जाता है कि बच्‍चे की मां ने भी सेना के डॉक्‍टरों को धन्‍यवाद दिया।