सार

ब्रिटेन दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है जिसने अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की ज्वॉइंट कोरोनावायरस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दिया है। इसे अगले हफ्ते की शुरुआत में ब्रिटेन के लोगों को दिया जाएगा। ब्रिटेन सरकार ने कहा, सरकार ने आज स्वतंत्र दवाइयों और हेल्थकेयर उत्पादों नियामक एजेंसी (एमएचआरए) की सिफारिश को स्वीकार करने के लिए फाइजर-बायोएनटेक की कोविड -19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।  

नई दिल्ली. ब्रिटेन दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है जिसने अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की ज्वॉइंट कोरोनावायरस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दिया है। इसे अगले हफ्ते की शुरुआत में ब्रिटेन के लोगों को दिया जाएगा। ब्रिटेन सरकार ने कहा, सरकार ने आज स्वतंत्र दवाइयों और हेल्थकेयर उत्पादों नियामक एजेंसी (एमएचआरए) की सिफारिश को स्वीकार करने के लिए फाइजर-बायोएनटेक की कोविड -19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। टीका अगले सप्ताह से पूरे यूके में उपलब्ध होगा।   

ब्रिटेन की वैक्सीन कमेटी तय करेगी पहले किसे मिले वैक्सीन

रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन की वैक्सीन कमेटी तय करेगी कि किस प्राथमिकता समूह को सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी, जैसे कि घर में रहने वाले स्वास्थ्य और देखभाल करने वाले कर्मचारी, बुजुर्ग और ऐसे लोग जो चिकित्सकीय रूप से बेहद कमजोर हैं। स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने कहा कि कार्यक्रम की शुरुआत अगले सप्ताह से होगी। 

भारत में आने की संभावना कम

फाइजर वैक्सीन को भारत में आने की उम्मीद कम है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन को स्टोर करने के लिए स्टैंडर्ड टेम्परेचर 2 से 8 डिग्री सेल्सियस चाहिए होता है। फाइजर वैक्सीन पैक होने से लेकर इंजेक्ट होने तक उसे माइनस 70 डिग्री पर रखना जरूरी है। इसलिए भारत में लाना एक बड़ी चुनौती है। फाइजर और बायोएनटेक की ज्वॉइंट कोरोना वैक्सीन फेज-3 ट्रायल में 95% असरदार साबित हुई थी।