सार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मंगलवार(13 दिसंबर) को दोनों देशों से तनाव कम करने का आह्वान किया। इस संघर्ष में दोनों देशों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं हैं।
संयुक्त राष्ट्र(United Nations). संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस(United Nations Secretary-General Antonio Guterres) ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मंगलवार(13 दिसंबर) को दोनों देशों से तनाव कम करने का आह्वान किया। इस संघर्ष में दोनों देशों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि चीन के सैनिकों को अधिक नुकसान पहुंचा है। इस बीच मामले को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को भी लोकसभा-राज्यसभा दोनों सदनों में हंगामा हुआ। (पहली तस्वीर- अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर पिछले हफ्ते चीनी सेना के साथ भारतीय सेना के साथ हुई झड़प के मामले में बुधवार को भी संसद में हंगामा हुआ)
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में कहा कि चीनी सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control-LAC) पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। जानिए पूरी डिटेल्स...
(जम्मू: शिवसेना डोगरा फ्रंट के सदस्यों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर भारतीय और चीनी सेना के बीच झड़प के बाद जम्मू में 13 दिसंबर, 2022 को विरोध प्रदर्शन किया)
(अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर पिछले हफ्ते चीनी सेना के साथ भारतीय सेना के साथ हुई झड़प के बाद मुंबई में मिनारा मस्जिद के बाहर 13 दिसंबर, 2022 को रजा अकादमी के सदस्यों ने चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया)
उस क्षेत्र में तनाव न बढ़े
जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा-हाँ, हमने इन रिपोर्टों को देखा है। हम तनाव कम करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि उस क्षेत्र में तनाव न बढ़े।
इस मामले में अमेरिका की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका ने भारत का समर्थन किया है। अमेरिका ने खुशी जाहिर करते हुए कहा समय रहते दोनों ही देशों की सेनाओं ने डिसइनगेजमेंट किया और स्थिति को नियंत्रण में रखा। अमेरिका के एक बयान में कहा गया कि वो स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। वो दोनों देशों को बातचीत करने के लिए प्रेरित करता है।
पेंटागन प्रेस सेक्रेट्री पैट्रिक एस राइडर ने कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ डेवलपमेंट पर नजर रखे हुए है। राइडन ने कहा- हमने देखा है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) तथाकथित एलएसी के साथ फोर्स को इकट्ठा करना और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना जारी रखे हुए है।
उधर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन(Chinese Foreign Ministry spokesman Wang Wenbin) ने मंगलवार को बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा संबंधी मुद्दों पर स्मूथ कम्यूनिकेशन बनाए रखा है।
वहीं, उत्तरी आयरलैंड की राजधानी बेलफास्ट में चीन की महावाणिज्यदूत( Consul General) झांग मीफांग(Zhang Meifang) ने एक ट्वीट किया-शुक्रवार को चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड पर LAC के चीनी पक्ष में PLA वेस्टर्न थिएटर कमांड के सीमा सैनिक नियमित गश्त पर थे, जब भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से सीमा पार की और चीनी सेना को रोक दिया। इसमें उन्होंने PLA प्रवक्ता के बयान से संबंधित globaltimes.cn की एक न्यूज भी टैग की है।
यह भी जानिए
- इस मुद्दे पर बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हो गया। विपक्षी नेता अपने साथ तख्तियां लेकर आए थे। इस पर लोकसभा स्पीकर ने नाराजगी जताई।
- तवांग मुद्दे पर विपक्ष द्वारा चर्चा की मांग को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष सरकार से उनके सवालों का जवाब मांग रही थी। विपक्ष ने राज्यसभा से वाकआउट किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि उन्होंने कल भी नोटिस दिया और आज भी दे रहे हैं। वे चीनी घुसपैठ पर सदन में चर्चा चाहते हैं।
- इससे पहले भारत-चीन विवाद और अन्य मुद्दों पर संयुक्त रणनीति बनाने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ रामगोपाल यादव, प्रियंका चतुर्वेदी आदि नेताओं ने एक मीटिंग की।
- कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा-भारत और चीन के बीच अप्रैल 2020 से जो तनाव चल रहा है उस पर संसद में एक बार भी चर्चा नहीं हुई है। हमारे जांबाज सिपाही चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं मगर चीन सरहद पर क्यों तनाव बढ़ा रहा है, इस पर संसद में व्यापक चर्चा की जरूरत है। मैंने इसलिए कल भी काम रोका प्रस्ताव दिया था और आज भी काम रोको प्रस्ताव दिया है और इस विषय को लोकसभा में उठाएंगे।
- वहीं, संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग की। मीटिंग में PM मोदी की एंट्री होने पर पार्लियामेंट्री बोर्ड के मेंबर्स ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया। यह स्वागत गुजरात में जीत के लिए था। मेंबर्स करीब तीन मिनट तक तालियां बजाते रहे।
बता दें कि जून 2020 में गालवान घाटी में आमने-सामने की भयंकर भिड़ंत के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है, जिसने दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष को दर्शाया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) की पांच साल में एक बार होने वाली कांग्रेस में अभूतपूर्व तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के बाद सीमा पर यह पहली बड़ी घटना है।
9 दिसंबर की यह झड़प तब भी हुई, जब दोनों देशों ने मई 2020 में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद से विभिन्न बिंदुओं पर गतिरोध को हल करने के लिए अपने कमांडरों के बीच 16 दौर की बातचीत की। आखिरी दौर की वार्ता सितंबर में हुई थी, जिसके दौरान दोनों पक्ष गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट 15 पर अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे। भारत लगातार यह कहता रहा है कि एलएसी पर अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
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