सार
अमेरिका ने पहली बार प्रशांत क्षेत्र में हाइपरसोनिक मिसाइल टेस्ट कर चीन को जवाब दिया है। इस मिसाइल का रेंज 2500 किलोमीटर से अधिक है। इसकी रफ्तार 5 मैक से अधिक है।
नई दिल्ली। चीन से मिल रही चुनौती को देखते हुए अमेरिका ने पहली बार प्रशांत क्षेत्र में अपने हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल को टेस्ट किया है। इस तरह अमेरिका ने चीन को जवाब दिया है कि वह अभी भी हाईपरसोनिक मिसाइल के मामले में बड़ी ताकत है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार 17 मार्च को अमेरिकी एयरफोर्स के एक बी-52 बॉम्बर ने गुआम के एंडरसन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरी थी। इसने एक "पूर्ण प्रोटोटाइप ऑपरेशनल हाइपरसोनिक मिसाइल" लॉन्च की। इस मिसाइल को ऑल-अप-राउंड एजीएम-183ए एयर-लॉन्च रैपिड रिस्पांस वेपन (ARRW) कहा जाता है। यह पहली बार है जब अमेरिका ने अपने शक्तिशाली हथियार को प्रशांत महासागर के ऊपर टेस्ट किया है। पहले अमेरिका ऐसे टेस्ट अपनी मुख्यभूमि के पास करता था।
2500 किलोमीटर से अधिक है ARRW का रेंज
ARRW हवा से जमीन पर मार करने वाला क्रूज मिसाइल है। इसे जमीन पर मौजूद हाई बैल्यू टारगेट को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका रेंज 2500 किलोमीटर से अधिक है। विमान से लॉन्च किए जाने के चलते अमेरिकी एयरफोर्स इससे दुनिया के किसी भी हिस्से में हमला कर सकती है। ARRW की रफ्तार 5 मैक (5963 किलोमीटर प्रतिघंटा) से भी तेज हो जाती है। टारगेट की ओर बढ़ने के दौरान यह अपनी दिशा और ऊंचाई बदल सकता है। इन खूबियों के चलते इसे वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे एयर डिफेंस सिस्टम से रोक पाना बेहद कठिन है।
हाइपरसोनिक मिसाइल के मामले में आगे है रूस और चीन
अमेरिकी वायु सेना ने टेस्ट के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है। यह नहीं बताया गया है कि मिसाइल ने तय स्पीड और दूरी तक जाकर सटीक हमला किया या नहीं। वायुसेना ने कहा है कि इस टेस्ट से भविष्य के हाइपरसोनिक हथियार बनाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
बता दें कि दुनिया के शक्तिशाली देशों के बीच हाइपरसोनिक मिसाइल को लेकर रेस चल रही है। इस वक्त इस रेस में चीन और रूस आगे दिख रहे हैं। चीन 2014 से सक्रिय रूप से परमाणु और पारंपरिक पेलोड (विस्फोटक) ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलों का टेस्ट कर रहा है। दूसरी तरफ रूस भी अपने हाइपरसोनिक मिसाइलों की क्षमता बढ़ा रहा है। रूस ने यूक्रेन के खिलाफ चल रही लड़ाई में जिरकोन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल तैनात किया है।
यह भी पढ़ें- फिर से पुतिन के हाथ में रूस की कमान, पीएम नरेंद्र मोदी ने दी बधाई, कही ये बात