सार

भारत-अमेरिका ने आतंकवाद से निपटने के लिए अपने स्पेशल फोर्सेस की एक साथ मेगा ट्रेनिंग दी है। दोनों देशों के स्पेशल फोर्सेस की तीन सप्ताह की यह मेगा ट्रेनिंग हिमाचल प्रदेश में हुई है।

नई दिल्ली। दक्षिण एशिया में अमेरिका को अपने सबसे भरोसेमंद साथी के रूप में भारत दिख रहा है। वैश्विक आतंकवाद से निजात पाने के लिए अमेरिकी और भारतीय सेना एक साथ मिलकर मोर्चा संभालेंगी। इसी आतंकवाद विरोधी अभियान को मूर्त रूप देने के लिए दोनों सेनाओं की स्पेशल टुकड़ियां युद्धाभ्यास मिलकर किया। तीन सप्ताह की स्पेशल ट्रेनिंग के लिए दोनों सेनाओं की स्पेशल टीम हिमाचल प्रदेश में जुटी थीं।

दोनों सेनाओं के एक्सरसाइज का 13वां एडिशन

भारत-अमेरिका की स्पेशल फोर्सेस हिमाचल प्रदेश के बकलोह में कैंप किया था। तीन सप्ताह के इस मेगा कैंप में आतंकवाद विरोधी अभियानों को फोकस किया गया और इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई। दोनों सेनाओं की स्पेशल फोर्सेस मेगा एक्सरसाइज में आतंकवाद की चुनौतियों के खात्मे पर पूरा ध्यान केंद्रित किया।

भारतीय सेना ने कहा कि अभ्यास 'वज्र प्रहार' मौजूदा वैश्विक स्थिति की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की जाने वाली सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। 13वें संस्करण का ज्वाइंट स्पेशल फोर्सेस एक्सरसाइज रविवार को पूरा हुआ। यह वार्षिक अभ्यास भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है। 12वें संस्करण का आयोजन पिछले साल अक्टूबर में वाशिंगटन में ज्वाइंट बेस लुईस मैक कॉर्ड में किया गया था।

दो फेज में किया गया अभ्यास

दोनों देशों की स्पेशल फोर्सेस ने ज्वाइंट एक्सरसाइज में एयर ऑपरेशन्स, स्पेशल ऑपरेशन्स और काउंटर टेरर ड्रिल मिलकर किए। संयुक्त राष्ट्र स्पेशल चार्टर के तहत दोनों ने पहले फेज में स्पेशल मिशन के लिए एक साथ मिलकर कैसे काम किया जाए, कैसे फाइटर पोजिशन्स पर रणनीतियां तय की जाए, इस पर अभ्यास किया। दूसरे चरण में सभी तरह की स्थितियों से निपटने के लिए ड्रिल किया। हवा में, जमीन पर, पहाड़ों पर, कहां-कैसे, किस तरह से आतंकवाद का खात्मा करने के लिए रणनीति अपनाई जाए, इस पर पूरी तरह से फोकस किया गया। सेना ने कहा कि इस एक्सरसाइज ने दोनों देशों की स्पेशल फोर्सेस के बीच एक फ्रेंडली रिलेशन विकसित किया है। यह दोनों के द्विपक्षीय संबंधों को पुख्ता और मजबूत करने के साथ आतंकावाद विरोधी अभियानों में काफी मददगार साबित होगा।

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