इंडिया ब्लॉक द्वारा उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारा जाएगा। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 22 अगस्त है। 9 सितंबर को वोट डाले जाएंगे। सत्ता पक्ष के पास जरूरी संख्या बल है। विपक्ष को जीत तभी मिलेगी जब एनडीए में फूट हो।

Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान NDA बनाम इंडिया ब्लॉक की टक्कर देखने को मिल सकती है। NDA के नेताओं ने पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा को प्रत्याशी का नाम तय करने के लिए अधिकृत किया है। वहीं, अब सूत्रों से खबर मिली है कि विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया ब्लॉक भी संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्षी दलों के साथ आम सहमति बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। अभी औपचारिक चर्चा नहीं हुई है, लेकिन संभावित उम्मीदवारों को लेकर अनौपचारिक बातचीत जारी है।

खड़गे विपक्षी दलों से संपर्क कर रहे हैं ताकि नामों पर विचार किया जा सके और आम सहमति बनाई जा सके। सभी दलों में इस बात पर आम सहमति है कि INDIA ब्लॉक द्वारा संयुक्त उम्मीदवार उतारा जाए। विपक्षी खेमे का एक वर्ग चाहता है कि पहले भाजपा अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करे, इसके बाद विपक्ष के प्रत्याशी के नाम का ऐलान हो।

संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श के लिए INDIA ब्लॉक के साझेदारों के बीच बैकचैनल बातचीत चल रही है। अभी तक किसी उम्मीदवार के चयन पर कोई ठोस चर्चा नहीं हुई है। एकजुटता दिखाते हुए विपक्षी खेमे के शीर्ष नेताओं ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पर एक रात्रिभोज बैठक आयोजित की। जून 2024 के बाद यह विपक्षी खेमे के शीर्ष नेताओं की पहली प्रत्यक्ष बैठक थी।

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए 21 अगस्त तक होगा नामांकन

उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होगा। पिछले गुरुवार को चुनाव आयोग ने इसके लिए अधिसूचना जारी की। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। दस्तावेजों की जांच 22 अगस्त को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 25 अगस्त है।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए किसके पास है कितना संख्या बल?

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं। दोनों सदनों की प्रभावी संख्या 781 है। उपराष्ट्रपति पद के लिए विजयी उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी। NDA के पास अभी करीब 422 सांसदों का समर्थन है। अगर सभी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में साथ दिया तो सत्ता पक्ष को जीतने में परेशानी नहीं होगी। उपराष्ट्रपति चुनाव गुप्त होता है। इसके लिए किसी को अपने पक्ष में वोट डालने को विवश नहीं कर सकते। विपक्षी उम्मीदवार को तभी जीत मिलेगी जब एनडीए उम्मीदवार को अपने ही सांसदों का साथ न मिले।