सार
विजयवाड़ा में कृष्णा नदी के पुन्नामी घाट पर ड्रोन शो का सफल आयोजन हुआ। 5,500 ड्रोन के इस्तेमाल से आसमान में रंगीन चित्र बनाकर रिकॉर्ड बनाया गया।
विजयवाड़ा में कृष्णा नदी के पुन्नामी घाट पर ड्रोन शो का सफल आयोजन हुआ। आसमान से मानो बूंदें गिर रही हों और नाच रही हों, ऐसा लग रहा था जैसे ड्रोन ताल-मेल बिठाकर करतब दिखा रहे हों। इस मनमोहक कार्यक्रम ने विजयवाड़ा के कृष्णा तट पर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह पाँच हज़ार से ज़्यादा ड्रोन का एक मेगा शो था। आठ हज़ार लोगों के लिए इस कार्यक्रम को लाइव देखने की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा, बेंजी सर्कल, रामावरप्पाडु, वाराधि, बस स्टैंड और प्रकाशम बैराज में बड़ी डिजिटल स्क्रीन लगाई गई थीं। ड्रोन शो देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहाँ जमा हुए थे। इस शो ने पाँच गिनीज रिकॉर्ड बनाए। कार्यक्रम में गिनीज बुक के प्रतिनिधियों ने सीएम चंद्रबाबू को प्रमाण पत्र दिया।
किन-किन श्रेणियों में गिनीज रिकॉर्ड?
- ड्रोन के ज़रिए सबसे बड़ा ग्रह बनाना।
- किसी नदी में सबसे बड़ा लैंडमार्क बनाना।
- सबसे बड़ा हवाई जहाज बनाना।
- ड्रोन से बनाया गया सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज।
- सबसे बड़ा हवाई लोगो।
राइट बंधुओं की तस्वीर का प्रदर्शन:
पुन्नामी घाट पर हुए इस ड्रोन शो में कुल सात विषयों पर आधारित तस्वीरें दिखाई गईं। सबसे पहले विमानन के जनक कहे जाने वाले राइट बंधुओं की तस्वीर दिखाई गई। उसके बाद, विशाल बोइंग विमान, ड्रोन, ध्यान मुद्रा में बुद्ध और राजधानी अमरावती की याद दिलाने वाले ग्लोब की तस्वीरें ड्रोन के ज़रिए दिखाई गईं। राष्ट्रध्वज के साथ ICAO का लोगो भी प्रदर्शित किया गया।
कुल 5,500 ड्रोन का इस्तेमाल:
कुल 5,500 ड्रोन ने सात रंगों से आसमान में रंगोली बनाई। ड्रोन को उनकी जगह पर रखने के लिए कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का भी इस्तेमाल किया गया ताकि सभी तस्वीरें साफ़ दिखाई दें। ड्रोन शो से पहले बब्बूरी मैदान में बने मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। नर्तकियों का नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। बाद में लेज़र किरणों का प्रदर्शन भी किया गया। अंत में आतिशबाज़ी की गई जो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही।
ड्रोन सम्मेलन: भविष्य की तकनीक पर चर्चा:
सुबह विजयवाड़ा में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू और केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने ड्रोन सम्मेलन का उद्घाटन किया। ड्रोन प्रदर्शित करने वाले और बड़े सम्मेलन में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराने वाले लोग शामिल हुए। ड्रोन तकनीक और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला कि आने वाले दिनों में ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। किन-किन क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल होगा और इसकी मांग कैसी रहेगी, इस पर भी चर्चा हुई।