सार
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) के कावेरी हॉस्टल में रामनवमीं के मौके पर छात्रों के दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प का मामला सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ चुका है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) और लेफ्ट दोनों के छात्र एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगा रहे हैं।
नई दिल्ली. एक बार फिर JNU यानी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) चर्चाओं में है। JNU के कावेरी हॉस्टल में रामनवमीं के मौके पर छात्रों के दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प का मामला सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ चुका है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) और लेफ्ट दोनों के छात्र एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगा रहे हैं। झगड़े की शुरुआत रामनवमीं की पूजा के दौरान वामपंथी विचारधारा के छात्रों की नॉनवेज खाने की मांग के बाद हुई थी। इस झगड़े में 20 छात्रों के घायल होने की सूचना है। कई छात्रों ने देर रात तक हंगामा किया। टकराव की आशंका के चलते जिला पुलिस के रिजर्व फोर्स को कैम्पस में तैनात किया गया है। ABVP ने रामनवमी की पूजा में विघ्न डालने का आरोप लगाया, तो AISA(All India Students Association) ने कहा कि मीट खाने पर कावेरी हॉस्टल के सचिव से मारपीट हुई। सोमवार(11 अप्रैल) के भी इस मामले में गहमागहमी का माहौल है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ा मामला
इस मामल में लेफ्ट के छात्रों ने पुलिस पर एक्शन नहीं लेने का आरोप लगाया है, वहीं, AVBP से जुडे़ संगठन ने लेफ्ट के छात्रों पर नॉनवेज की आड़ लेकर हिंसा फैलाने का इल्जाम लगाया है।
एक यूजर इंजीनियर अर्जुन तिवारी(@arjuntiwaribjp) ने लिखा-जेएनयू परिसर के अंदर श्री रामनवमी के शुभ अवसर पर हवन करने वाले छात्रों को वामपंथी पचा नहीं पा रहे थे, इसलिए उन्होंने आंदोलन शुरू किया और फिर मांसाहारी भोजन के नाम पर हिंसा की। हिंदुओं और एबीवीपी के खिलाफ नफरत के कारण हिंसा हुई।
एक यूजर संकेत उपाध्याय (@sanket) ने लिखा-यह कैसे हुआ और किस कारण से हुआ? इसके कई वर्जन हो सकते हैं। किसी ने पूजा रोकने की कोशिश की या किसी ने नॉन वेज खाना बंद करने की। अथवा दोनों। एक जांच यह तय करेगी। निर्विवाद तथ्य और शर्मनाक सच्चाई यह है कि परिसर में हिंसा में लोगों को पीटा गया।
पुलिस ने कहा-एक्शन लिया जाएगा
झगड़े की सूचना पर मौके पर पहुंची ने स्थिति को नियंत्रण में किया। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। लेकिन यह मामला अब तूल पकड़ चुका है। पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई होगी। पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।
AISA और ABVP के अपने-अपने दावे
AISA ने कावेरी हॉस्टल मेस कमेटी के नाम से एक पत्र जारी करके कहा था कि चिकन लेकर आए कर्मी के साथ मारपीट की गई। लेकिन लेटर में AISA ने चौथे नंबर पर किए गए अध्यक्ष पंकज के हस्ताक्षर छुपा दिए। लिहाजा ABVP ने इसे फर्जी करार दिया। ABVP ने AISA से सवाल किया कि लेटर पर AISA JNU के अध्यक्ष के हस्ताक्षर को क्यों छिपा दिया गया? ABVP के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर सिद्धार्थ यादव ने एक ट्वीट के जरिये दावा किया कि प्रोपेगेंडा फैलाने AISA ने फर्जी पत्र जारी किया था।
ABVP JNU, दिल्ली के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा-हमारे कार्यकर्ता को चोट लगी है। रात साढ़े 8 बजे हमपर हमला हुआ। इस कैंपस में कई होस्टल हैं जहां नॉन वेज बना है। JNU का राजनीतिकरण करके दुरुपयोग किया जा रहा है। JNU में अब पूजा, भजन, कीर्तन हो रहे हैं, इसलिए वामपंथी दलों के लोग बौखला गए हैं। पूजा का विरोध इन्होंने (वामपंथी छात्र) 7 दिन पहले किया था, इनके तरफ से धमकी भी दी गई। यहां राइट टू ईट की बात नहीं है बात रामनवमी की है।