सार
कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलायन पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) ने हंगामा बरपाया हुआ है। इसे लेकर चल रही पॉलिटिक्स पर लोगों का गुस्सा भी फूटने लगा है। सोशल मीडिया पर इस #KashmirFilesTruth, #BoycottBollywood और #PallaviJoshi ट्रेंड में है। पढ़िए, twitter पर आईं कुछ प्रतिक्रियाएं...
न्यूज डेस्क. कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलायन पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) ने हंगामा बरपाया हुआ है। इसे लेकर चल रही पॉलिटिक्स पर लोगों का गुस्सा भी फूटने लगा है। सोशल मीडिया पर इस #KashmirFilesTruth, #BoycottBollywood और #PallaviJoshi ट्रेंड में है। लोगों का गुस्सा इस बात से है कि लोग इस फिल्म की सच्चाई से भाग रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों ने विधानसभा चुनाव के दौरान बंगाल में हुई हिंसा को लेकर भी एक्शन लेने की मांग उठाई है। पढ़िए, twitter पर आईं कुछ प्रतिक्रियाएं...
The Kashmir Files trending on social media, पढ़िए लोगों की कुछ प्रतिक्रियाएं
एक यूजर ने लिखा-दुनिया भर में PK फिल्म के लिए 4,844 थिएटर, द कश्मीर फाइल्स मूवी के लिए 2,700 थिएटर! बस यूं ही-5 पांडव और 100 कौरव! कृष्ण हमेशा कमजोर संख्या के पक्ष में हैं।'
एक यूजर सिद्धू चेरुकुरिक(Siddu Cherukuri) ने अपने twitter पर लिखा-#PowerOfThePeople "32वर्षों का अन्याय" शुभकामनाएं @vivekagnihotri। जहरीले और सांप्रदायिक लोग #kashmirifiles का विरोध कर रहे हैं।
एक यूजर रचित त्यागी ने twitter पर लिखा-आप बॉक्स ऑफिस और IMBD के आंकड़े उद्धृत(quote) कर सकते हैं, लेकिन फिल्म ने वहीं हिट किया है, जहां इसकी जरूरत थी। जगाने की पुकार !! क्या बेहतरीन कृति है !!
एक यूजर Deeksha Mangalore(@DMangaloree) ने लिखा-फिल्म के मार्मिक क्षण! ससुर और बच्चों को बचाने के लिए एक हिंदू महिला को अपने पति को खून से सने चावल खाने के लिए कहा जाता है। जनता के सामने हिन्दू महिलाओं को कपड़े फाड़कर खड़ा कर दिया जाता है।
मोहित पांडे ने tweet किया- द कश्मीर फाइल्स सिर्फ एक फिल्म नहीं है बल्कि कश्मीरी हिंदुओं की दिल दहला देने वाली चीखें हैं, जिनके दर्द को पूरे भारतवर्ष को महसूस करना चाहिए, ताकि भारत भारत बना रहे।
संगपु चांगसान(@_sangpuchangsan) नामक यूजर ने लिखा-विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित द कश्मीर फाइल्स, कश्मीर विद्रोह के दौरान 1990 में कश्मीरी पंडितों के जीवन पर आधारित एक वास्तविक कथा है और यह भारतीय राज्य कश्मीर में स्थापित है।
गौरव महाजन नामक यूजर ने लिखा-और उदारवादी जमात का कहना है कि भारतीय शांतिप्रिय जनसंहार में शामिल नहीं थे, केवल आतंकवादी थे। अगर आज यही स्थिति है, तो 90 के दशक में क्या स्थिति होती यह समझने के लिए किसी को ज्यादा कल्पना की जरूरत नहीं है।
सिमरन बिष्ट नामक यूजर ने नाराजगी जताई-हिंदुओं ने ईश्वरपुर में #TheKashmirFiles की स्क्रीनिंग की मांग की है। यह वास्तव में दुख की बात है कि हिंदुओं को एक ऐसी फिल्म की मांग करनी पड़ रही है, जो हिंदू नरसंहार के बारे में सच्चाई दिखाएगी! यह इस बात का उदाहरण है कि कैसे मीडिया द्वारा हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को सक्रिय रूप से दबाया जा रहा है। #बॉयकॉटबॉलीवुड
twitter पर @shashi_talk ने लिखा-2021 का "बंगाल ट्रुथ" ताज़ा है, इसे सामने लाने और कार्रवाई करने के लिए 3 दशकों का इंतज़ार नहीं करना चाहिए। वर्तमान सरकार की यहां भूमिका है; क्या इसकी निरंतर चुप्पी 1990 के #KashmirFilesTruth की पुनरावृत्ति है?