सार

गुजरात निकाय चुनाव में अहमदाबाद में 7 पार्षद जीतने के बाद  AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के तेवर बदल गए गए हैं। बंगाल के मटियाबुर्ज में रैली की परमिशन नहीं मिलने के बाद औवेसी ने प्रशासन को आड़े हाथ ले लिया। उन्होंने कहा कि अमित शाह की रैली को इजाजत दी जाती है, तो उन्हें क्यों नहीं?
 

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. यहां आगामी विधानसभा चुनाव (West Bengal assembly elections) में अपनी ताल ठोंक चुके ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन औवेसी प्रशासन के रवैये से नाराज हैं। उन्हें कोलकाता के मटियाबुर्ज में रैली की इजाजत नहीं मिलने पर रद्द करना पड़ा। इससे नाराज होकर औवेसी ने कहा कि जब अमित शाह की रैली को परमिशन मिल सकती है, तो उन्हें क्यों नहीं? हालांकि उत्तर 24 परगना के घोष पाड़ा में पुलिस ने बीजेपी की रैली को भी परमिशन नहीं दी थी।

मैं बंगाल जरूर जाऊंगा
मटियाबुर्ज में AIMIM की रैली को परमिशन नहीं देने के पीछे गड़बड़ी की आशंका थी। हालांकि प्रशासन ने ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। बता दें कि मटियाबुर्ज कोलकाता और दक्षिण परगना के किनारे पर बसा मुस्लिम इलाका है। औवेसी ने कहा कि बीजेपी को अनुमति मिल जाती है, लेकिन उन्हें रोका जाता है। वे बंगाल जरूर जाएंगे। औवेसी ने कहा कांग्रेस ने उन्हें महाराष्ट्र में रोका, अखिलेश ने यूपी में रोका...यह सही नहीं है।

कोलकाता में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख जमीर उल हसन के मुताबिक उन्होंने 10 दिन पहले रैली की परमिशन मांगी थी। लेकिन पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके पीछे कोई वजह भी नहीं बताई गई। इस बीच बीजेपी नेता संजय सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी जिस पार्टी से डरती हैं, उसे इजाजत नहीं देतीं।

गुजरात में औवेसी की एंट्री
बता दें कि गुजरात के 6 महानगर पालिका चुनाव में अहमदाबाद में औवेसी की पार्टी के 7 पार्षद चुने गए हैं। इससे उनका हौसला बढ़ा है। बंगाल में औवेसी की एंट्री से भाजपा को बिलकुल नुकसान नहीं है। इसका असर तृणमूल पर पड़ेगा। औवेसी ने बिहार विधानसभा चुनाव में भी धमाकेदार एंट्री की थी। उनके 5 विधायक चुने गए थे।