पश्चिम बंगाल विधानसभा में BJP और TMC के बीच जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर बंगाल विरोधी होने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष को निलंबित किया गया और मार्शलों ने जबरन सदन से बाहर निकाला।

West Bengal Assembly Uproar: पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। इससे भाजपा विधायकों ने हंगामा तेज कर दिया। टीएमसी के विधायक भी उग्र हो गए। मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इस दौरान भाजपा के मुख्य सचेतक डॉ. शंकर घोष घायल हो गए।

डॉ. शंकर घोष को निलंबित करने से बढ़ा तनाव

हंगामा होने पर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने भाजपा विधायक और पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. शंकर घोष को सदन से निलंबित किया। उन्हें बल पूर्वक सदन से बाहर निकालने के लिए मार्शलों को बुलाया गया। इससे तनाव बढ़ गया। भाजपा विधायक आसन के सामने आ गए। "जय श्री राम" के नारे लगाए और कार्यवाही बाधित की। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासी कामगारों पर हमलों की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित करने की कोशिश कर रही थी।

ममता बनर्जी ने कहा- बंगाल विरोधी है भाजपा

हंगामे और नारेबाजी के बीच सीएम ममता बनर्जी ने भाषण दिया। उन्होंने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर "बंगाल विरोधी" होने और बंगालियों के उत्पीड़न पर चर्चा रोकने का आरोप लगाया। ममता ने कहा,

भाजपा भ्रष्ट लोगों की पार्टी है। वोट चोरों की पार्टी है। सबसे बड़ी डकैत है। हमने संसद में देखा कि कैसे उन्होंने हमारे सांसदों को परेशान करने के लिए CISF का इस्तेमाल किया। बांग्ला-विरोधी भाजपा हटाओ, देश बचाओ।

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एक दिन सदन में भाजपा का एक भी विधायक नहीं बैठेगा

नारेबाजी कर रहे विपक्षी विधायकों की ओर इशारा करते हुए बनर्जी ने कहा, "मेरे शब्दों पर ध्यान दीजिए, एक दिन ऐसा आएगा जब इस सदन में भाजपा का एक भी विधायक नहीं बैठेगा। जनता आपको सत्ता से बेदखल कर देगी। केंद्र में मोदी और अमित शाह के नेतृत्व वाली सरकार जल्द गिर जाएगी।"

सीएम ने दावा किया कि भाजपा बंगाली प्रवासियों पर हमलों पर विधानसभा में चर्चा नहीं होने देना चाहती। भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासियों के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं।

शंकर घोष को मार्शलों ने घसीटकर सदन से बाहर निकाला

विधानसभा में हंगामा करने के कारण शंकर घोष को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। घोष ने बाहर जाने से इनकार किया तो विधानसभा मार्शलों को बुलाया गया और उन्हें घसीटकर सदन से बाहर निकाल दिया गया। इस दौरान शंकर घोष बेहोश हो गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

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इसपर बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से अधिकारी ने कहा, “पूरा टीएमसी कैडर गुंडा है। उन्होंने शंकर घोष पर बेरहमी से हमला किया। उन पर शारीरिक हमला किया। पूरी कार्यवाही चोर ममता बनर्जी के उकसावे पर हुई। वह बंगाल की सबसे बड़ी चोर हैं।”