सार

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपने कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया है। बाबुल सुप्रियो समेत 9 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। इनमें से दो स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री हैं। गायक बाबुल सुप्रियो भाजपा से तृणमूल कांग्रेस में आए हैं।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपने कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया है। बाबुल सुप्रियो समेत 9 मंत्रियों ने बुधवार को शपथ ग्रहण किया। शिक्षा घोटाला मामले में निलंबित मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद ममता को अपने कैबिनेट में बदलाव करना पड़ा है। 14 महीने बाद ममता कैबिनेट का दूसरी बार विस्तार हुआ। राजभवन में गवर्नर एल गणेशन ने मंत्रियों को शपथ दिलाई।

इन मंत्रियों ने लिया शपथ

  • बाबुल सुप्रियो
  • स्नेहाशीष चक्रवर्ती
  • पार्थ भौमिकी
  • उदयन गुहा
  • प्रदीप मजूमदार
  • ताजमुल हुसैन
  • सत्यजीत बर्मन

स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री

  • बिप्लब रॉय चौधरी
  • बीरबाहा हांसदा

भाजपा छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे बाबुल सुप्रियो 
गायक बाबुल सुप्रियो भाजपा से तृणमूल कांग्रेस में आए हैं। बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाया था। चुनाव में वह भाजपा के पोस्टर बॉय थे, लेकिन 50,000 से अधिक वोट से हार गए थे। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बाबुल सुप्रियो का जन्म 1970 में पश्चिम बंगाल के उत्तरपारा में हुआ था। उनका पहला नाम सुप्रिया बराल था। बैंकिंग की नौकरी छोड़ने के बाद गायक के रूप में अपनी किस्मत आजमाते समय उन्होंने नाम बदलकर बाबुल सुप्रियो कर लिया था।

सरकार में दूसरे नंबर पर थे पार्थ चटर्जी
शिक्षक भर्ती घोटाला केस में पार्थ चटर्जी के गिरफ्तार होने के चलते ममता बनर्जी को मंत्रिमंडल में फेरबदल करना पड़ा है। पार्थ चटर्जी को ममता बनर्जी सरकार में नंबर टू कहा जाता था। पार्टी और सरकार में उन्हें ताकतवर पद मिले हुए थे। उनके पास वाणिज्य और उद्योग, संसदीय कार्य, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स और सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण जैसे हाईप्रोफाइल मंत्रालय थे। इसके साथ ही वह टीएमसी से महासचिव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे।

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हटाए जाएंगे 3-4 मंत्री
सूत्रों के अनुसार ममता मंत्रिमंडल से 3-4 मंत्रियों को हटाया जा सकता है। उन्हें संगठन का काम दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल में 2023 में पंचायत चुनाव होने वाला है। यह ममता बनर्जी के लिए शक्ति परीक्षण की तरह है। वहीं, 2024 में लोकसभा का चुनाव होगा। इसे देखते हुए ममता बनर्जी अभी से संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही हैं।

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