सार

कोकीन मामले में गिरफ्तार पामेला गोस्वामी और राकेश सिंह भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। बता दें कि पामेला गोस्वामी पश्चिम बंगाल का  जाना-माना चेहरा हैं। वहीं, राकेश सिंह भी राजनीति में खासा दखल रखते हैं। भाजपा को समझ नहीं आ रहा कि इस मामले में वो किधर जाए।

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. यहां आगामी विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) में जबर्दस्त एंट्री मारने वाली भाजपा के लिए पामेला गोस्वामी और राकेश सिंह टेंशन बन गए हैं। पिछले दिनों कोकीन के साथ पकड़ी गईं पामेला गोस्वामी ने राकेश सिंह पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया था। अभी दोनों पुलिस की कस्टडी में है। चूंकि दोनों ही पश्चिम बंगाल की राजनीति में खासा दखल रखते हैं और भाजपा के सक्रिय नेताओं में शुमार रहे हैं,  इसलिए पार्टी को समझ नहीं आ रहा कि इनके मामले में वो क्या निर्णय ले। चुनाव के पहले इस मामले ने तृणमूल कांग्रेस(TMC) को एक मुद्दा दे दिया है। 

जानें पूरा मामला..

  • भाजपा की राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली ने सावर्जनिक तौर पर पिछले दिनों बयान दिया कि जो गलत काम करेगा, उसे जेल जाना पड़ेगा। हालांकि उनकी बात सही है, लेकिन इसके बाद भाजपा सोच-विचार में पड़ गई है कि वो पामेला-राकेश का समर्थन करे या उन्हें भाग्य भरोसे छोड़ दे।
  • बता दें कि पामेला ने गिरफ्तारी के बाद राकेश सिंह का नाम लिया था कि उन्होंने ही फंसाया है। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने पूर्वी बर्दवान से राकेश सिंह को गिरफ्तार किया था। सिंह के दो बेटे भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिए गए थे।
  • भाजपा युवा मोर्चा की नेत्री रहीं पामेला को कोलकाता पुलिस ने अलीपुर इलाके से 100 ग्राम कोकीन के साथ अरेस्ट किया था। उन्हें 4 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।
  • पामेला ने आरोप लगाया कि राकेश सिंह की साजिश के चलते वे मामले में फंसाई गईं। पामेला ने आरोप लगाया कि राकेश सिंह उनमें दिलचस्पी रखते थे। जब उन्होंने राकेश सिंह का महत्व नहीं दिया, तो वे उग्र हो उठे। पामेला ने यही भी आरोप लगाया है कि राकेश सिंह उन्हें फिजिकली टॉर्चर करते थे। उन पर एसिड फेंकने की धमकी भी देते थे।
  • उधर, बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष भी राकेश सिंह को पसंद नहीं करते। हालांकि उन्होंने राकेश सिंह की गिरफ्तारी को बदले की भावना बताया है।
  • राकेश सिंह खुद को इस मामले में राजनीतिक साजिश बताया। उधर, तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय कहते हैं कि राकेश सिंह के खिलाफ 57 मामले लंबित हैं। ऐसे में इसे बदले की भावना कैसे कह सकते हैं।