सार
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प बंगाल समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया। प बंगाल में 8 चरणों 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल में मतदान होगा। वहीं, नतीजे 2 मई को आएंगे।
कोलकाता. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प बंगाल समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया। प बंगाल में 8 चरणों 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल में मतदान होगा। वहीं, नतीजे 2 मई को आएंगे।
प बंगाल: 8 चरणों में होगा मतदान, 2 मई को आएंगे नतीजे
फेज | सीटें | अधिसूचना | नामांकन | नाम वापसी | वोटिंग |
पहला | 30 | 2 मार्च | 9 मार्च | 12 मार्च | 27 मार्च |
दूसरा | 30 | 5 मार्च | 12 मार्च | 17 मार्च | 1 अप्रैल |
तीसरा | 31 | 12 मार्च | 19 मार्च | 22 मार्च | 6 अप्रैल |
चौथा | 44 | 16 मार्च | 23 मार्च | 26 मार्च | 10 अप्रैल |
पांचवां | 45 | 23 मार्च | 30 मार्च | 3 अप्रैल | 17 अप्रैल |
छठा | 43 | 26 मार्च | 3 अप्रैल | 7 अप्रैल | 22 अप्रैल |
सांतवां | 36 | 31 मार्च | 7 अप्रैल | 12 अप्रैल | 26 अप्रैल |
आठवां | 35 | 31 मार्च | 7 अप्रैल | 12 अप्रैल | 29 अप्रैल |
294 विधानसभा सीटों वाले प बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। वहीं, यहां भाजपा टीएमसी की सत्ता में दखल करने की कोशिश में जुटी है। तो टीएमसी सत्ता में बरकरार रहने के लिए हर कोशिश में जुटी है।
प बंगाल : 2016 के नतीजे
प बंगाल में 294 सीटें हैं। यहां 2016 में 6 चरणों में चुनाव हुए थे। ममता की पार्टी ने 293 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से 211 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि भाजपा 291 सीटों पर चुनाव मैदान में थी लेकिन उसे सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस ने लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनाव लड़ा था। उसने 92 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और 44 सीटें जीतने में सफल रही थी। वहीं, सीपीएम 148 सीटों में से 26 पर जीत हासिल कर पाई थी। वहीं, सीपीआई को 11 सीटों में से एक पर जीत मिली थी।
पार्टी | सीटें | वोट % |
टीएमसी | 211 | 45.6 |
कांग्रेस | 44 | 12.4 |
सीपीआई | 26 | 20.1 |
भाजपा | 3 | 10.1 |
आरसीपी | 3 | 1.7 |
निर्दलीय | 1 | 2.2 |
अन्य | 6 | 7.7 |
विधानसभा की मौजूदा स्थिति
विधानसभा चुनाव के 5 साल बाद स्थिति में काफी बदलाव आया है। यहां टीएमसी के पास 209, भाजपा के पास 27, कांग्रेस के पास 23, सीपीआई(एम) के पास 19, आरएसपी के पास 2 और गोरखा जनमुक्ति के पास 2 विधायक हैं। वहीं, 10 सीटें खाली पड़ी हैं। ये सीटें टीएमसी और अन्य पार्टियों के विधायकों के इस्तीफे के बाद भाजपा में शामिल होने की वजह से खाली हैं।
बंगाल किसके बीच है मुकाबला?
जब 2016 में विधानसभा चुनाव हुए थे, उस वक्त राज्य के राजनीतिक समीकरण कुछ और थे। लेकिन इस बार इसमें काफी बदलाव हुआ है। यह परिवर्तन 2019 के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिले थे। यहां 42 सीटों में भाजपा ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि सत्ताधारी पार्टी को 22 सीटों पर जीत मिली थी। इसी के बाद से भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दीं। अब राज्य में मुख्य टक्कर भाजपा और टीएमसी के बीच मानी जा रही है।
2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे
पार्टी | सीटें | वोट% |
टीएमसी | 22 | 43.7% |
भाजपा | 18 | 40.6% |
कांग्रेस | 2 | 5.7% |