सार

अग्निपथ स्कीम के कारण बढ़े रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने इस स्कीम के बारे में डिटेल ब्रीफ जारी किया है। इसमें वो सारी जानकारियां हैं, जो किसी भी अभ्यर्थी को जानना जरूरी है। 

नई दिल्लीः सेना में चार साल के लिए युवाओं को अग्निवीर के तौर पर भर्ती की अग्निपथ योजना का विरोध बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में योजना के खिलाफ सेना भर्ती के हजारों अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए व जुलूस निकालते हुए उग्र प्रदर्शन किया। सरकार की तरफ से यह कहा जा रहा है कि छात्रों और अभ्यर्थियों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं दी जा रही है। वहीं छात्रों का कहना है कि अग्निपथ योजना (what is Agnipath Scheme) के कारण कई यवाओं का भविष्य खतरे में है। इन सबके बीच सरकार ने एक विज्ञप्ति जारी कर डिटेल में इस योजना के बारे में बताया है। 

सरकारी सूत्रों ने दी जानकारी
सेना की रेजिमेंटल प्रणाली में अग्निपथ स्कीम से कोई बदलाव नहीं होगा। पहले साल में भर्ती होने वाली अग्निवीरों की संख्या कुल सशस्त्र सैन्य बलों का तीन प्रतिशत होगी। देश के कई हिस्सों में इस नई स्कीम के खिलाफ युवाओं द्वारा किए जा रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। बताया गया कि अग्निपथ सशस्त्र बलों के लिए एक नई एचआर मैनेजमेंट स्कीम है। इस योजना के माध्यम से शामिल किए गए उम्मीदवारों को अग्निवीर कहा जाएगा। एक बार भारतीय वायु सेना में एनरोल हुए इन अग्निवीरों को चार साल की अवधि के लिए वायु सेना अधिनियम 1950 के तहत कार्य करवाया जाएगा। 

स्कीम का लक्ष्य युवाओं के लिए सैन्य बलों में अवसर बढ़ाना है। इसके तहत सशस्त्र सेना में मौजूदा एनरोलमेंट से करीब तीन गुना सैनिकों की भर्ती होगी। हालांकि इसकी निश्चित समय अवधि अभी नहीं बताई जा सकती। उल्लेखनीय है कि सरकार ने थल सेना, वायुसेना और नौसेना में चार साल के अनुबंध पर सैनिकों की भर्ती के लिए यह योजना शुरू की है।

अग्निपथ योजना आर्मी आयु सीमा 
इसे दशकों पुरानी सेना भर्ती प्रणाली में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इसके तहत साढ़े 17 से 21 साल के युवाओं को सेना के तीनों अंगों में शामिल किया जाएगा। चार साल की सेवा पूरी होने पर 25 प्रतिशत को नियमित सेवा में रखा जाएगा, वहीं 4 में से 3 अग्निवीर आगे सेवा जारी नहीं रख पाएंगे। उनके लिए सरकार शिक्षा, नौकरी व कारोबार के लिए कई अन्य विकल्प पेश कर रही है। अग्निपथ योजना से कई रेजिमेंटों की संरचना को लेकर संशय जताए जा रहे थे। इनमें निश्चित क्षेत्र या राजपूत, जाट, सिख आदि जातियों से भर्तियां होती हैं। सूत्रों के मुताबिक अग्निपथ से रेजिमेंटल प्रणाली पर कोई असर नहीं होगा। बल्कि उन्हें श्रेष्ठ अग्निवीर मिलेंगे। इससे उनकी यूनिटों का सामंजस्य और बेहतर होगा। सेना के अधिकारियों ने बताया कि पहले साल अग्निवीरों का सेना में अनुपात बहुत बेहिसाबी नहीं होगा। इस योजना के तहत नियुक्त जवानों का प्रदर्शन चार साल बाद परखकर उन्हें फिर सेना में शामिल किया जाएगा। ऐसे में सेना को सुपरवाइजर रैंक के लिए जांचे-परखे लोग मिलेंगे। 

कई देशों में लागू है यह व्यवस्था
योजना सेवारत सैन्य अधिकारियों से 2 साल तक विस्तृत चर्चा के बाद लाई गई है। इसका प्रस्ताव सैन्य अधिकारियों के विभाग ने तैयार किया, जो सैन्य अधिकारी हैं। सूत्रों ने कहा कि अग्निवीर सेना से निकल कर समाज के लिए खतरा बन सकते हैं, ऐसा सोचना भारतीय सैन्य बलों के मूल्यों और परंपराओं का अपमान है। अग्निवीरों के छोटे कार्यकाल से सेना पर असर पड़ने को लेकर भी चिंता जताई जा रही है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि कई देशों में ऐसी ही जांची परखी व्यवस्था है। चार साल पूरे करने पर अग्निवीरों के प्रदर्शन को फिर परखा जाएगा और 25% को सेवा में रखा जाएगा। नई स्कीम से लंबे समय में युवा और अनुभवी सैनिकों का अनुपात 50-50% हो जाएगा।

बन सकेंगे युवा उद्यमी
कई लोगों का कहना है कि इस स्कीम के बाद अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। जबकि स्कीम के डिटेल ब्रीफ के मुताबिक अग्निवीर अपनी नौकरी के बाद जो युवा उद्यमी बनने के इच्छुक होंगे, उन्हें वित्तीय पैकेज व बैंक लोन मिलेंगे। जो आगे पढ़ने के इच्छुक हैं, उन्हें 12वीं के समकक्ष प्रमाणपत्र देकर ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। जो जॉब करना चाहते हैं, उन्हें केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों व राज्य पुलिस में प्राथमिकता मिलेगी। कई अन्य सेक्टर भी इन अग्निवीरों के लिए खोले जाएंगे। 

सैन्य बलों में जाने के अवसर बढ़ेंगे
युवाओं के लिए सशस्त्र सैन्य बलों में जाने के अवसर बढ़ेंगे। आज सशस्त्र सेनाओं में जितनी संख्या है, अग्निवीरों की भर्ती इससे तीन गुना होगी। सरकार रेजिमेंटल प्रणाली में कोई बदलाव नहीं कर रही है। बल्कि यह प्रणाली और मजबूत बनेगी क्योंकि यहां श्रेष्ठ अग्निवीर चुनकर आएंगे, इससे सामंजस्य में और भी सुधार आएगा। अधिकतर देशों में छोटी अवधि के लिए सैन्य भर्ती व्यवस्था है, यह युवा और चुस्त सेना के लिए अच्छी मानी जाती है। पहले साल में भर्ती होने वाले अग्निवीर कुल सशस्त्र सैन्य बल के 3% होंगे। उनका प्रदर्शन जांच कर चार साल बाद सेना में फिर शामिल किया जाएगा। इस प्रकार सेना को वरिष्ठ रैंक पर जांचे-परखे सैनिक मिलेंगे।

12वीं की शिक्षा के लिए विशेष व्यवस्था
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) रक्षा अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर 10वीं कक्षा पास कर अग्निपथ सेवा में आने वाले अग्निवीरों को 12वीं का प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए एक विशेष प्रोग्राम तैयार करेगा। इसके तहत अग्निवीरों के लिए विशेष रूप से तैयार कोर्स शुरू किए जाएंगे जो उनके सेवा क्षेत्र के हिसाब से प्रासंगिक होगा। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 12वीं का यह प्रमाणपत्र सिर्फ रोजगार के लिए ही नहीं बल्कि आगे की शिक्षा के लिए भी पूरे देश में मान्य होगा।

सैलरी स्ट्रक्चर

सैलरी - महीने में वेतन - कैश इन हैंड

पहले साल - 30000 - 21000

दूसरे साल - 33000 - 23100

तीसरे साल - 36,500 - 25,550

चौथे साल - 40000 - 28000

अग्निपथ स्कीम की बेसिक जानकारी

  • एज लिमिट - 17.5 से 21 वर्ष
  • छुट्टियां - हर साल 30 छुट्टी और मेडिकल लीव (मेडिकल एडवाइस के अनुसार)
  • मेडिकल फैसिलिटी - CSD प्रोविजंस के अनुसार सर्विस हॉस्पिटल में इलाज
  • सेवा निधि पैकेज - लोन की सुविधा, 4 साल जॉब के बाद मिलेंगे 10.04 लाख रुपए
  • लाइफ इंश्योरेंस - 48 लाख रुपए का कवर

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