सार

जस्टिस लोकुर ने ही असम के गोलपाड़ा में डिटेंशन सेंटर का काम जल्दी-जल्दी पूरा करने को कहा था। लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना कर रहे हैं। 2018 में जस्टिस रहने के दौरान लोकुर ने सरकार को आदेश दिया था और नाराजगी जाहिर की थी। 

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में और विरोध दोनों में प्रदर्शन का दौर जारी है। इसी कड़ी में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर ने नए नागरिकता कानून और अवैध प्रवासियों के अधिकारों के खिलाफ आवाजें उठाई थी। उन्होंने CAA की जम कर आलोचना की थी, लेकिन ये जानना यहां दिलचस्प है कि जस्टिस लोकुर ने ही असम के गोलपाड़ा में डिटेंशन सेंटर का काम जल्दी-जल्दी पूरा करने को कहा था। 

सरकार को दिया था यह आदेश 

साल 2018 में जस्टिस लोकुर ने ऑर्डर पास करते हुए सरकार को डिटेंशन सेंटर की बिल्डिंग बनाने के काम में तेजी लाने को कहा था। उस वक्त वो जेल सुधारों के बारे में एक स्वत: संज्ञा याचिका की सुनवाई कर रहे थे और बेंच की अगुवाई कर रहे थे, लेकिन आज जो मुद्दा वो उठा रहे हैं इसका ज़िक्र उन्होंने नहीं किया था। 

डिटेंशन सेंटर के निर्माण में लाई जाए तेजी

12 सितंबर 2018 को जस्टिस लोकुर की बेंच ने ऑर्डर पास करते हुए लिखा था, 'हमलोग इस बात से हैरान नहीं हैं कि किसी भी राज्य ने कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया है। दुर्भाग्य से, इसमें असम राज्य भी शामिल है, जिसमें बड़ी संख्या में अवैध अप्रवासी / विदेशी नागरिक हैं। हम चाहते हैं कि असम में डिटेंशन सेंटर के काम में तेज़ी लाया जाए, क्योंकि भारत सरकार ने इसके लिए 46.51 करोड़ रुपये की राशि पहले ही मंजूर कर दी है।'

जताई थी यह चिंता 

जस्टिस लोकुर की बेंच ने अपने आदेश में असम सरकार को हिरासत में लिए गए लोगों को बुनियादी मानवाधिकार सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। इसके अलावा बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को ये पता लगाने के लिए भी कहा था कि क्या गुवाहाटी जेल के परिसर को डिटेंशन सेंटर में बदला जा सकता है।

लगातार स्थितियों की ले रहे थे जानकारी 

31 अक्टूबर 2018 को जस्टिस लोकुर ने डिटेंशन सेंटर के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी। उन्होंने टेंडर और निर्माण कार्य के बारे में भी पूछा। इसके बाद उन्होंने 2 नवंबर 2018 को भी गोलपाड़ा डिटेंशन सेंटर के बारे में जानकारी मांगी। साथ ही उन्होंने कहा कि प्री फैब टेक्नोलॉजी से बिल्डिंग का निर्माण 31 अगस्त 2019 तक पूरा कर लिया जाए। 

डिटेंशन सेंटर में किसको रखा जाए

जस्टिस लोकुर दिसंबर 2018 में रिटायर हो गए। इसके बाद से वो लगातार CAA के खिलाफ आवाजें उठा रहे हैं। लेकिन जज रहते हुए उन्होंने कभी भी ये नहीं कहा कि किसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाए संदिग्ध विदेशियों को या अवैध प्रवासियों को। उन्होंने सिर्फ डिटेंशन सेंटर का काम जल्दी पूरा करने को कहा था।