सार

रोहिंग्या शरणार्थी एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने हाल ही में एक ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में रह रहे रोहिंग्याओं को दिल्ली के बक्करवाला में बने फ्लैट में बसाया जाएगा। इसके बाद गृह मंत्रालय ने साफ किया कि रोहिंग्याओं को फ्लैट में शिफ्ट कराने का कोई आदेश नहीं दिया गया है और वो डिटेंशन सेंटर में ही रहेंगे।

Who is Rohingya: रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर एक बार फिर बवाल शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने हाल ही में एक ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में रह रहे रोहिंग्याओं को दिल्ली के बक्करवाला में बने फ्लैट में बसाया जाएगा। हालांकि, बाद में गृह मंत्रालय की ओर से इस बात का खंडन करते हुए कहा गया कि रोहिंग्याओं को फ्लैट में शिफ्ट कराने का कोई आदेश नहीं दिया है। उन्हें डिटेंशन सेंटर में ही रखा जाएगा। 

कौन हैं रोहिंग्या?
रोहिंग्या मुसलमान मूलत: म्यांमार (बर्मा) के रखाइन प्रांत के रहने वाले हैं। हालांकि, वहां कि सरकार ने उन्हें कभी अपना नागरिक नहीं समझा। म्यांमार इन्हें बांग्लादेशी प्रवासी मानता है। 2012 में म्यामांर के रखाइन प्रांत में हिंसा शुरू हो गई, जिससे लाखों रोहिंग्या वहां से भागकर बांग्लादेश के रास्ते भारत में आकर बस गए। 2017 में म्यामांर में कुछ रोहिंग्याओं ने रखाइन में पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें 12 पुलिसवाले मारे गए। इसके बाद वहां की सेना ने रोहिंग्याओं को रखाइन से मारकर भगा दिया। 

भारत में कैसे आए रोहिंग्या?
1982 में म्यांमार सरकार ने एक कानून बनाया। इस कानून से रोहिंग्याओं का नागरिक दर्जा खत्म कर दिया गया। इसके बाद म्यांमार सरकार रोहिंग्याओं को अपने देश से भगाने के लिए तरह-तरह के उपाय करती रही। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बांग्लादेश के रास्ते 80 और 90 के दशक में रोहिंग्या भारत में अवैध तरीके से घुस आए। हालांकि, 2017 में जब रखाइन प्रांत में रोहिंग्या के खिलाफ हिंसा भड़की तो बड़ी संख्या में करीब 7 लाख रोहिंग्या पलायन कर बांग्लादेश से होते हुए भारत में आ गए। बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल और मिजोरम-मेघालय के रास्ते ये देशभर के कई शहरों में बस गए।

भारत में कहां-कहां बसे हैं रोहिंग्या?
अगस्त 2017 में राज्यसभा में केंद्र सरकार ने बताया था कि देश में करीब 40 हजार रोहिंग्याओं के होने की संभावना है। ये रोहिंग्या मुसलमान देश में बने अलग-अलग रिफ्यूजी कैम्पों में रह रहे हैं। दिल्ली के कालिंदी कुंज में भी रोहिंग्या रह रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली से सटे मदनपुर खादर में भी रोहिंग्याओं की बस्ती है। भारत की बात करें तो रोहिंग्या मुस्लिम दिल्ली के अलावा, जम्मू, जयपुर,  नूह (हरियाणा), हैदराबाद और उत्तर प्रदेश में भी बस गए हैं। 

रोहिंग्याओं को लेकर क्यों मचा है बवाल?
म्यांमार की तरह ही भारत सरकार भी रोहिंग्याओं को देश और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बता चुकी है। रोहिंग्या मुद्दे पर भाजपा ने पहले भी कहा है कि अवैध प्रवासी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और केंद्र सरकार इस मामले पर कभी समझौता नहीं करेगी। भारत की खुफिया एजेंसियों को शक है कि भारत में रोहिंग्या मुसलमानों के नेता पाकिस्तान से चलने वाले आतंकवादी संगठनों के संपर्क में हैं। 

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