सार
WHO की एक रिसर्च में सामने आया है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम (Aspartame) का सेवन करने से कैंसर का खतरा है। जुलाई में इस संबंध में औपचारिक रूप से घोषणा की जाएगी।
लंदन। बहुत से लोग चीनी को सेहत के लिए हानिकारक जानकर इसका सेवन करने से बचते हैं, लेकिन आर्टिफिशियल स्वीटनर का यह सोचकर इस्तेमाल करते हैं कि यह सिर्फ स्वाद के लिए है, इससे खतरा नहीं है। WHO (world health organization) के रिसर्च में आर्टिफिशियल स्वीटनर को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार WHO की रिसर्च में दुनिया के सबसे आम आर्टिफिशियल स्वीटनर में से एक एस्पार्टेम (Aspartame) के कैसरजन होने की जानकारी मिली है। इसका मतलब है कि एस्पार्टेम के सेवन से कैंसर होने का खतरा है। एस्पार्टेम का इस्तेमाल कोका-कोला के डायट सोडा से लेकर मार्स एक्स्ट्रा च्यूइंग गम और कुछ अन्य ड्रिंक्स में होता है। इसे जुलाई में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा पहली बार "संभवतः मनुष्यों के लिए कैंसरकारी" के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा।
पता नहीं एस्पार्टेम युक्त कितने प्रोडक्ट का सेवन है सुरक्षित
अभी यह नहीं बताया गया है कि एस्पार्टेम युक्त कितने उत्पाद का एक इंसान सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकता है। एक व्यक्ति किसी नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ का कितना सेवन कर सकता है यह सुक्षाव राष्ट्रीय नियामकों के निर्धारण के साथ-साथ खाद्य योजकों पर एक अलग WHO विशेषज्ञ समिति द्वारा दिया जाता है। इसे JECFA (Joint WHO and Food and Agriculture Organization's Expert Committee on Food Additives) द्वारा दिया जाता है।
एस्पार्टेम के इस्तेमाल की JECFA कर रही समीक्षा
एडिटिव्स पर डब्ल्यूएचओ की समिति JECFA इस साल एस्पार्टेम के इस्तेमाल की समीक्षा कर रही है। 1981 में JECFA ने कहा था कि एक सीमा के भीतर रोज अगर एस्पार्टेम का सेवन किया जाता है तो यह सुरक्षित है। उदाहरण के लिए 60 किलोग्राम वजन वाला एक वयस्क अगर दिन में 12-36 कैन डाइट सोडा (एस्पार्टेम की मात्रा के अनुसार) पीता है तो वह जोखिम उठा रहा है।
गौरतलब है कि एस्पार्टेम का व्यापक अध्ययन किया गया है। पिछले साल फ्रांस में 100,000 वयस्कों के बीच स्टडी से पता चला कि जो लोग बड़ी मात्रा में आर्टिफिशियल स्वीटनर (जिसमें एस्पार्टेम भी शामिल है) का सेवन करते हैं उनमें कैंसर का खतरा थोड़ा अधिक था।