सार
भारत के मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का नेतृत्व इसरो (ISRO) के चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ कर रहे हैं। सोमनाथ रॉकेट की डिजाइनिंग के मास्टर हैं।
नई दिल्ली। भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने चंद्रमा पर उतरकर इतिहास रच दिया है। भारत के मून मिशन का नेतृत्व इसरो के चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ कर रहे हैं। वह केंद्र सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं। सोमनाथ ने इससे पहले भी इसरो के कई अभियानों का नेतृत्व किया है।
डॉ. एस. सोमनाथ का पूरा नाम डॉक्टर श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ है। उनका जन्म 1963 में केरल के एक मलयाली परिवार में हुआ था। सोमनाथ ने अरूर के सेंट ऑगस्टीन हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने एर्नाकुलम के महाराजा कॉलेज से प्री-यूनिवर्सिटी डिग्री हासिल किया। उन्होंने केरल के कोल्लम स्थित थंगल कुंजू मुसलियार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।
एस. सोमनाथ का करियर
सोमनाथ ने 1985 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में काम करना शुरू किया था। वह PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) प्रोजेक्ट के शुरुआती चरणों के दौरान शामिल थे। 2010 में सोमनाथ विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के एसोसिएट डायरेक्टर और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III लॉन्च व्हीकल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने। नवंबर 2014 तक उन्होंने प्रोपल्शन एंड स्पेस ऑर्डिनेंस एंटिटी के डिप्टी डायरेक्टर के रूप में काम किया।
सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम में LPSC (Liquid Propulsion Systems Centre) और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के पद पर काम किया है। सोमनाथ की प्रसिद्धि रॉकेट डिजाइन करने में है। LPSC के निदेशक के रूप में उन्होंने उस टीम का नेतृत्व किया जिसने CE20 क्रायोजेनिक इंजन और C25 स्टेज को विकसित किया। दोनों का इस्तेमाल रॉकेट GSLV MK-III D1 लॉन्च करने में हुआ था। उनकी टीम ने चन्द्रयान-2 के लैंडर के लिए थ्रॉटलेबल इंजन बनाया था। सोमनाथ को जनवरी 2018 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का निदेशक नियुक्त किया गया था। जनवरी 2022 में सोमनाथ को इसरो का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। उन्होंने के सिवान की जगह ली थी।
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जीएसएलवी एमके-III के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे सोमनाथ
एस. सोमनाथ ने इसरो के रॉकेट्स के विकास में अहम योगदान दिया है। सोमनाथ लॉन्च व्हीकल की डिजाइनिंग के मास्टर हैं। वह लॉन्च व्हीकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनेमिक्स और पाइरोटेक्नीक्स के एक्सपर्ट हैं। वह जून 2010 से 2014 तक जीएसएलवी एमके-III के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे।
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