सार

रेसलर्स बनाम बृजभूषण शरण सिंह (Wrestlers vs Brijbhushan) मामले में 1 जून का दिन काफी अहम रहा। संयुक्त किसान मोर्चे ने पहलवानों के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ी पंचायत की है।

 

Wrestlers vs Brijbhushan. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अब पहलवान ही नहीं किसान नेता, खाप पंचायतें और संयुक्त किसान मोर्चे ने भी कमर कस ली है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 जून से देशव्यापी आंदोलन छेड़ दिया है, वहीं महिला पहलवानों को समर्थन देने के लिए खाप पंचायत की बड़ी मीटिंग की गई। इसमें यह निर्णय लिया गया है कि खाप पंचायतें जल्द ही राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू से मिलकर सारी बातों को बताएंगे, ताकि देश की पहलवानों को न्याय मिल सके।

बृजभूषण ने फिर दी पहलवानों को चुनौती

आरोपों से घिरे बृजभूषण शरण सिंह ने फिर से पहलवानों को चुनौती दी। अयोध्या में वे साधू संतों से मिले और उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है, उन्हें जांच करने दीजिए, सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगी। बृजभूषण ने पहलवानों पर हमला करते हुए कहा कि अब वे नई डिमांड कर रहे हैं। वे लगातार अपनी शर्तें बदल रहे हैं। लेकिन मैं शुरू से एक ही बात कर रहा हूं कि दोषी साबित हो गया तो फांसी पर लटकने में देरी नहीं करूंगा। बृजभूषण ने कहा कि मैं अब भी अपनी बात पर कायम हूं। मेरा आप सभी अनुरोध है कि पुलिस की जांच पूरी होने दें।

सचिन के घर के सामने लगे पोस्टर- ममता ने किया पहलवानों का समर्थन

ताजा घटनाक्रम में महाराष्ट्र के यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सचिन तेंदुलकर के घर के सामने पोस्टर लगाया और कहा कि आप खेल जगत के भगवान हैं लेकिन आपकी खेल दुनिया से जुड़ी महिला पहलवानों के साथ अन्याय हो रहा है। आपको इस मुद्दे पर बोलना चाहिए। हालांकि जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने यह पोस्टर हटा दिए। पश्विम बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी ने महिला पहलवानों का समर्थन किया है।

राष्ट्रपति से मिलेंगी खाप पंचायतें- एसकेएम ने शुरू किया आंदोलन

महिला पहलवानों को तो जंतर-मंतर से हटा दिया गया है लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने महिला पहलवानों को सपोर्ट करने के लिए देशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है। 1 जून को देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया गया। किसान नेता राकेश टिकैत और अन्य नेताओं ने खाप पंचायत का भी आयोजन किया जिसमें यह तय किया गया कि खाप पंचायतें राष्ट्रपति से मिलेंगी। राकेश टिकैत ने यहां तक कह दिया कि साधू संत बताएं कि बेटियों को न्याय कैसे मिलेगा।

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