सार
कोरोना वायरस से पूरे देश में लॉकडाउन है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने आमजन के साथ-साथ देश के कई खिलाड़ियों को मुश्किल में डाल दिया है। इस महामारी की वजह से सारे खेल कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। इसी में दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाली महिला खो-खो टीम की कप्तान नसरीन शेख के भी शामिल हैं
स्पोर्ट्स डेस्क: कोरोना वायरस से पूरे देश में लॉकडाउन है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने आमजन के साथ-साथ देश के कई खिलाड़ियों को मुश्किल में डाल दिया है। इस महामारी की वजह से सारे खेल कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। इसी में दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाली महिला खो-खो टीम की कप्तान नसरीन शेख के भी शामिल हैं।
दिल्ली सरकार ने भी नहीं की मदद
भारतीय महिला खो-खो टीम की कप्तान नसरीन शेख का कहना है कि उनकी आर्थिक हालात इतनी खराब हो गई है। ऐसा समय आ गया जब घर का राशन लगभग खत्म हो गया था। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते उनकी आय बंद है। उन्होंने कहा, “मैंने दिल्ली सरकार से कई बार अपील की। मैंने ऑनलाइन भी अपील की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
खो-खो महासंघ ने दिए 1 लाख रुपए
जब यह खबर सामने आई, तो भारतीय खो-खो महासंघ (KKFI) उनकी मदद के लिए सामने आया भारतीय खो-खो महासंघ ने 23 वर्षीय नसरीन शेख को एक लाख रुपये की मदद दी। दरअसल, केकेएफआई अधिकारियों को जब नसरीन शेख के बारे में पता चला, तो उन्होंने इस खिलाड़ी के बैंक खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
बेहद गरीब है नसरीन का परिवार
नसरीन का परिवार दिल्ली के शकूरपुर में 25 गज के एक किराए के कमरे में रहता है। पिता की आय बंद हो चुकी थी, जिसके चलते परिवार पर आर्थिक संकट का पहाड़ टूट पड़ा था। नसरीन शेख के पिता घूम-घूमकर बर्तन बेचने का काम करते हैं, लेकिन बीते एक माह से जारी लॉकडाउन की वजह से वो भी घर बैठने को मजबूर हैं। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि 40 नेशनल और 3 इंटरनेशनल खेल प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकीं नसरीन अपनी तय डाइट भी नहीं ले पा रही थीं।
(फाइल फोटो)