सार
गुजरत के महेसाणा में रहने वाली 80 साल की बुजुर्ग महिला ने पुलिस से कहा- साहब या तो मुझे जिंदा रहने दो या मार डालो। आलम यह है कि बूढ़ी महिला अपनी औलादों की वजह से तस्त्र होकर अलग रह रही है।
महेसाणा, गुजरात (gujarat news).कहते हैं जवान बेटे आखिर में बुजुर्ग मां-बाप का सहारा बनते हैं। लेकिन कई जगह ऐसे मामले सामने दिखने को मिले हैं जहां बुजुर्ग ओल्ड-एज-होम या अलग रहने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला गुजरत में सामने आया जहां एक 80 साल की बूढ़ी महिला अपनी औलादों की वजह से तस्त्र होकर अलग रह रही है।
पुलिस से बोली बुजुर्ग महिला- मुझे जीने दो या जहर दे दो
दरअसल ये मामला गुजरात के महेसाणा थाने में उस वक्त सामने आया जब 80 वषीर्य सीता बेन बेटों से प्रताड़ित होकर महिला थाने के सहायता केंद्र में मदद की गुहार लगाने पहुंची। लेकिन यहां उसको न्याय मिलना तो दूर की बात है, महिला को बुरी तरह से दुत्कार दिया गया। वह रोते हुए कहती रही अब आप लोग ही ऐसा करोगे, तो बताओ में किससे अपनी बात कहूं, कौन मेरी मदद करेगा। अब आप या तो मुझे जीने दो या जहर दे दो जिसको खाकर में मर जाती हूं।
बुजुर्ग मां ने बयां किया अपना दर्द
पीड़िता 80 वषीर्य सीता ने बताया, उसके पति की 2004 में मौत हो गई थी। लेकिन दो साल बाद ही उसके दो बेटों ने मुझे साथ रखने से मना कर दिया। इस वजह से वह अलग रहने लगी, लेकिन मेरी औलादे यहां भी मुझे सुकून से नहीं रहने दे रही हैं। वो आए दिन मेरे घर आकर धमाते हैं। मेरे पास पति की 6 बीघा जमीने है जिस पर उनकी नजर है। वो इस जमीन को मुझसे हड़पना चाहते हैं। दोनों बेटे कागजात पर जबरन अंगूठा लगाने का दबाव डालते हैं। जब मैंने अंगूठा लगाने से मना कर दिया तो उन्होंने मेरे साथ मारपीट शुरु कर दी। मेरा आधार कार्ड और दूसरे जरुरी कागजात भी वह छीनकर ले गए।