सार

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code) के लिए ड्राफ्ट तैयार करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि एक कमेटी का गठन करने वाले हैं। उसमें हम विधि विशेषज्ञ को लेने वाले हैं। जिनकी सलाह पर यह कानून आएगा।

देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अपने चुनावी वादे को पूरा करने जा रहे हैं। वह राज्य में समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code) लागू करने वाले हैं। सीएम बुधवार को एक बार फिर अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि हम बहुत ज़ल्द राज्य में 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' के लिए एक कमेटी का गठन करने वाले हैं। उसमें हम विधि विशेषज्ञ को लेने वाले हैं। सबकी सहमति से हम सबके लिए एक समान क़ानून बनाने वाले हैं।

मैंने 12 फरवरी 2022 को एक संकल्प लिया था...
बता दें कि धामी ने मंगलवार दिल्ली दौरे पर थे, इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस दौरान सबसे पहले तो उनहोंने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मिली जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कहा-यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मैंने 12 फरवरी 2022 को एक संकल्प उत्तराखंड की जनता के समक्ष रखा था कि सरकार का गठन होते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन होगा।

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 बीजेपी स्थापना दिवस पर किया बड़ा ऐलान
दरअसल, मुख्यमंत्री धामी देहरादून में आज भारतीय जनता पार्टी के 42वें स्थापना दिवस के अवसर पर समारोह में देवभूमि में कमल खिलाने वाले कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने खुद चर्चा करते हुए कहा-मैंने लोगों से वादा किया था कि राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया जाएगा, जिसके लिए समिति का गठन किया जा चुका है। उन्होंने कहा-भाजपा का सूत्र वाक्य है कि जो काम दिया जाए, उसे पूरे मनोयोग से किया जाए।

चुनाव में प्रचार के दौरान किया था वादा
पुष्‍कर सिंह धामी ने दूसरी बार देवभूमि के मुख्यमंत्री बनते ही अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में ही राज्‍य में समान नागरिक संहिता लागू करने का फैसला किया। बता दें कि चुनाव के प्रचार-प्रसार के दौरान उन्होंने ऐलान किया था कि सरकार बनते ही वह राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में तेजी से काम करेंगे। 

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क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड, जानिए सब
यूनिफॉर्म सिविल कोड सही मायनों में अर्थ है- देश के हर नागरिक के लिए एक समान कानून। अगर जिस किसी राज्य में यह कानून लागू होता है तो इसके लागू होने पर धर्म आधारित कानूनों की मान्यता खत्म हो जाएगी। क्योंकि आज की स्तिथि में देखा जाए तो देश में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग कानून (पर्सनल लॉ) बोर्ड हैं। अगर वर्तमान में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाता है तो हर धर्म के लिए एक सा कानून लागू होगा। यानी हर धर्म के पर्सनल लॉ में एकरूपता आ जाएगी। हालांकि बीजेपी शासित राज्य सरकारें इसको लागू करने पर विचार कर रही हैं। लेकिन दूसरे दल इसको लेकर हंगामा भी कर रहे हैं।