सार

सिपाही ने जिस तरह मानवता की मिसाल कायम करते हुए पीड़ित परिवार की मदद की इस कहानी को सुनकर अधिकारियों ने उसकी जमकर तारीफ की। साथ ही थाने के सभी पुलिसकर्मियों ने कहा-जब तक ड्राइवर पूर्ण रूप से सही नहीं हो जाता हम सभी उसके परिवार का खर्चा उठाएंगे।


देहरादून (उत्तराखंड). एक तरफ जहां लोग कोरोना के साये में जी रहे हैं, वहीं दूसरी और पुलिस के जवान लोगों के लिए मसीहा बने हुए हैं। खाकी वर्दी का ऐसा ही एक जिंदादिली का मामला देवभूमि उत्तराखंड से सामने आया है। जहां घर का मुखिया कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसका पूरा परिवार तीन दिन तक भूखा रहा। ऐसे में चौथे दिन एक सिपाही उनके लिए देवदूत बनकर पहुंचा।

पीड़ित परिवार के लिए देवदूत बना सिपाही
दरअसल, यह मामला देहरादून का बताया जा रहा है, जहां चार दिन पहले एक ट्रक ड्राइवर कोरोना से संक्रमित हो गया था। जहां उसको कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। इस दौरान सिपाही रघुवीर सिंह ने युवक की पत्नी को किसी भी जरूरत के लिए अपना मोबाइल नंबर दिया था।

सिपाही को देखते ही फूट-फूटकर रोने लगी महिला
बुधवार को ड्राइवर की पत्नी ने सिपाही को फोन लगाया और बात करते-करते रोने लगी। सिसकते हुए बोली-भैया बच्चों ने तीन से पेट भर के खाना नहीं खाया। क्योंकि घर में अनाज का एक दाना भी नहीं है। महिला का दर्द सुनकर कांस्टबेल तुंरत अपने पैसे से आटा, चावल, दाल, चीनी, मसाले समेत अन्य सामान खरीदकर ड्राइवर के घर पहुंचा। सिपाही को देखते ही महिला फूट-फूटकर रोने लगी।

कांस्टेबल के काम की अधिकारियों ने की तारीफ
सिपाही ने जिस तरह मानवता की मिसाल कायम करते हुए पीड़ित परिवार की मदद की इस कहानी को सुनकर अधिकारियों ने उसकी जमकर तारीफ की। साथ ही थाने के सभी पुलिसकर्मियों ने कहा-जब तक ड्राइवर पूर्ण रूप से सही नहीं हो जाता हम सभी उसके परिवार का खर्चा उठाएंगे।