सार
दिल्ली अनाज मंडी अग्निकांड हादसे के चश्मदीद दिल्ली यूनिवर्सिटी के 19 वर्षीय छात्र अरशद शेख ने बताया मैं उस मौत के मंजर को कभी नहीं भूल पाऊंगा। एक युवक मेरे सामने यह कहते-कहते मर गया कि कोई मुझको बचा लो' मेरी एक साल पहले शादी हुई है। मैं मरना नहीं चाहता।
दिल्ली. सोमवार सुबह देश की राजधानी दिल्ली की अनाज मंडी में हुए अग्निकांड में 43 जिंदगियां मौत के मुंह में समा गईं। इस दर्दनाक हादसे को कोई नहीं भूल पाएगा। वहीं एक चश्मदीद ने कहा-जब मैं इस घटनास्थल पर पहुंचा तो कई लोग बुरे तरीके से चीख रहे थे। एक युवक बार-बार यही कह रहा था प्लीज मुझे बचा लीजिए मेरी एक साल पहले ही शादी हुई है।
मेरी एक साल पहले ही शादी हुई है, मुझे बचा लो'
दिल्ली यूनिवर्सिटी के 19 वर्षीय छात्र अरशद शेख ने कहा-मैं जिंदगीभर इस मौत के मंजर को कभी नहीं भूल पाऊंगा। हर तरफ धुआं ही धुआं था और वहां से एक ही अवाज आ रही थी हमें बचा लो' हम मर जाएंगे। अरशद ने बताय वहीं एक शख्स यह कहते हुए चीख रहा था। मेरी एक साल पहले ही शादी हुई है। मैं मरना नहीं चाहता, प्लीज कोई तो मुझे बचा लो। लेकिन कुछ देर बाद देखा तो वह दम तोड़ चुका था।
मारे गए लोग अधिकतर बिहार के थे
इस अग्निकांड में मार गए 30 से ज्यादा लोग बिहार के रहने वाले थे। वह इस फैक्ट्री में दिन में मजदूरी करते थे और रात हो जाने पर यहीं सो जाते थे। लेकिन उन्हें क्या पता था रविवार का दिन उनका आखिरी होगा और वह जिस जगह रोजी-रोटी कमाने के लिए आए हैं, वह भूमि उनकी काल बन जाएगी।