सार

ऐश्वर्या रेड्डी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मैं अपने परिवार के लिए बोझ नहीं बनना चाहती थी। मैं बिना पढ़ाई के जिंदा नहीं रह सकती हूं। अगर में पढ़ाई ही ना कर पाऊं तो जीने का क्या मतलब। पापा मुझे माफ करना में आपकी अच्छी बेटी नहीं बन पाई। 

नई दिल्ली. कोरोना महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश के लाखों लोगों का रोजगार छिन गया। इतना ही नहीं कई लोगों ने तो दुखी होकर सुसाइड तक कर लिया। अब ऐसा ही एक दिल को झकझोर कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां देश के नामी शिक्षण संस्थानों में शुमार दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा ने आत्महत्या कर ली। खुदखुशी से पहले लड़की ने सुसाइड अपनी बेबसी को बयां किया है।  

IAS बनना चाहती थी बाइक मैकेनिक की बेटी
दरअसल, छात्रा ने यह खौफनाक कदम अपने होमटाउन तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में उठाया है। मोटर साइकिल मैकेनिक लड़की के पिता श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि उनकी बेटी ऐश्वर्या रेड्डी ने आईएएस अफसर बनना चाहती थी, वह तैयारी के लिए लैपटॉप खरीदना चाहती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से आई आर्थिक परेशानी के कारण में उसको लेपटॉप नहीं दिला सका तो उसने दुखी होकर सुसाइड कर लिया।

बेटी की पढ़ाई के लिए पिता ने गिरवी रख दिया घर
बच्ची के पिता ने बताया कि ऐश्वर्या को पिछले साल दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज में एडमिशन मिला था। बेटी की पढ़ाई के लिए उन्होंने अपना दो कमरों के घर को 2 लाख रुपए में गिरवी तक रख दिया था। उनको यकीन था कि जब बेटी की नौकरी लगेगी तो सारा लोन चुका देंगे। उन्होंने बताया कि परिवार का खर्चा चलाने के लिए इसी साल मोटर साइकिल रिपेयरिंग की दुकान खोली थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह भी बंद हो गई।

पिता से की थी पुराना लैपटॉप खरीदने की मांग
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ऐश्वर्या रेड्डी ने 2 नवंबर को शादनगर में अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि 19 वर्षीय ऐश्वर्या बचपन से ही पढ़ने में होशियार थी। 12वीं क्लास में 98.5 प्रतिशत नंबर लाकर स्कूल टॉप किया था। लॉकडाउन लगने से पहले वह दिल्ली से अपने घर तेलंगाना आ गई थी। जहां वह घर से पढ़ाई कर रही थी, इसी दौरान वह पापा से पुराना लेपटॉप दिलाने की जिद कर रही थी। लेकिन आर्थिक परेशानी की वजह वह अपनी बेटी की इच्छा पूरी नहीं कर पाए और वह दुनिया को अलविदा कह गई।

कॉलेज प्रिंसिपल ने कहा-यह हमारे लिए बहुत बड़ी झति है
वहीं जब मामला मीडिया में आया तो लेडी श्रीराम कॉलेज की प्रिंसिपल सुमन शर्मा ने कहा कि अगर ऐश्वर्या ने अपनी परेशानी हमारे सामने रखी होती तो हम जरुर उसकी मदद करते। लेकिन उसने वित्तीय सहायता के लिए कॉलेज से संपर्क ही नहीं किया। कॉलेज में ऐसी कई स्कीम और फेलोशिप हैं जिससे उसकी मदद हो सकती थी। उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उसकी मदद करने में असमर्थ रहे। 

बेटी ने लिका रुला देने वाला सुसाइड नोट
ऐश्वर्या रेड्डी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मैं अपने परिवार के लिए बोझ नहीं बनना चाहती थी। मैं बिना पढ़ाई के जिंदा नहीं रह सकती हूं, मेरी मौत की जिम्मेदार में खुद हूं। इसके लिए परिवार को परेशान नहीं किया जाए। मरने से पहले मैंने बहुत सोचा क्या करूं, पिर सोचा अगर में पढ़ाई ही ना कर पाऊं तो जीने का क्या मतलब। मौत ही मेरी लिए एक मात्र रास्ता रह गया है। इसलिए पापा मुझे माफ करना में आपकी अच्छी बेटी नहीं बन पाई। 

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
अब इस मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा-इस अत्यंत दुखद घड़ी में इस छात्रा के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ। जानबूझकर की गयी नोटबंदी और देशबंदी से भाजपा सरकार ने अनगिनत घर उजाड़ दिए। यही सच्चाई है।