सार
मरने से पहले किसान बलवंत ने लिखा कि में गरीब हूं, पिछले कई सालों से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हूं, मेरी हर सांस में भाजपा बसती है। मरने के बाद मेरी आत्मा भी भाजपा के साथ ही रहेगी।
वड़ोदरा (गुजरात). एक तरफ जहां लाखों किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 40 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ गुजरात से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां एक किसान ने बीजेपी सरकार से दुखी होकर अत्महत्या कर ली। मरने से पहले इस अन्नदाता ने एक भावुक सुसाइड नोट भी लिखा है।
किसान मरने से पहले लिखा ये सुसाइड नोट
दरअसल, यह मामला महीसागर जिले के वांदरवेड गांव का है, जहां के किसान बलवंत सिंह चारण ने पंचायत भवन में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक ने मरने से पहले अपने क्षेत्र के भाजपा सांसद और विधायक के नाम एक चिट्ठी छोड़ी है। जिसमें उसने लिखा है कि मैंने पूरी जिंदगी बीजेपी के लिए काम किया, इस पार्टी को मेरा परिवार माना, लेकिन इसी पार्टी के नेता मेरे कोई काम नहीं आए। इसलिए में दुखी होकर सुसाइड करने जा रहा हूं।
अंतिम शब्द 'भारत माता की जय, भाजपा की जय'
सुसाइड नोट बलवंत ने लिखा कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मैंने आर्थिक मदद के लिए कई बार प्रशासन और नेताओं से गुहार लगाई, लेकिन उन्हें किसी तरह की कोई सरकारी सहायता नही मिली। जबकि वो बीजेपी के लिए कई सालों से काम कर रहे थे। इसी कारम में इस दुनिया को छोड़कर जा रहा हूं। मृतक किसान ने मरने से पहले लिखा- 'भारत माता की जय, भाजपा की जय', सांसद रतन सिंह राठौड़ साहब और विधायक जिज्ञेशभाई सेवक जी, आप गरीबों की सहायता करें, इस वजह इन लोगों ने आपको जिताकर यहां पहुंचाया है। लेकिन आप इस पद पर पहुंचकर सब भूल गए।
मरने के बाद भी मेरी आत्मा में बीजेपी रहेगी
किसान बलवंत ने लिखा कि में गरीब हूं, पिछले कई सालों से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हूं, मेरी हर सांस में भाजपा बसती है। मरने के बाद मेरी आत्मा भी भाजपा के साथ ही रहेगी। मैं अपनी तहसील का बीजेपी प्रमुख बना था, जिसके लिए पूरी ईमानदारी से काम किया और कई नेताओं को जिताया। लेकिन इसके बाद भी मेरा कोई काम नहीं हुआ। इतना ही नहीं में तो अपने घर में एक शौचालय तक नहीं बन सका।