सार
कांग्रेस ने शुक्रवार को गोवा में चर्च की एक शाखा और एनजीओ के खिलाफ सीएए विरोधी रैली में बच्चों की मौजूदगी को लेकर दर्ज एफआईआर की निंदा करते हुए इसे 'धार्मिक संस्थान पर हमला' करार दिया है।
पणजी. कांग्रेस ने शुक्रवार को गोवा में चर्च की एक शाखा और एनजीओ के खिलाफ सीएए विरोधी रैली में बच्चों की मौजूदगी को लेकर दर्ज एफआईआर की निंदा करते हुए इसे 'धार्मिक संस्थान पर हमला' करार दिया है।
प्रदर्शन में बच्चों को शामिल करने पर हुआ था केस
गोवा पुलिस की महिला और बाल संरक्षण इकाई ने बृहस्पतिवार को मड़गांव में 24 जनवरी को आयोजित संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ एक रैली में बच्चों का उपयोग करने के लिए सामाजिक न्याय और शांति परिषद (गोवा चर्च की शाखा) और राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन (गोवा अध्याय) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। गोवा कांग्रेस प्रमुख गिरीश चोड़नकर ने कहा, ‘‘गोवा पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर ना केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि एक धार्मिक संस्थान पर सीधा हमला भी है।’’
कांग्रेस का आरोप जनता की आवाज दबा रही है सरकार
यहां पत्रकारों से चोडनकर ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वे संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच ‘भय’ पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता की आवाज को दबाने के लिए भाजपा नेताओं के इशारे पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जब भाजपा को पता चला कि लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं तो वे इस तरह के कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है, जबकि गोवा चर्च निकाय के एक एनजीओ के खिलाफ छोटी सी शिकायत पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर ली।
भाजपा ने पूरे मामले पर क्या कहा ?
इस मुद्दे के बारे में भाजपा के गोवा महासचिव और पूर्व सांसद नरेंद्र सवाईकर ने कहा, ‘‘इस मुद्दे को लेकर बच्चों को सड़क पर लाने का कोई मतलब नहीं है। जिस व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है, उसने रैली में कुछ अनुचित पाया होगा।” उन्होंने कहा कि नागरिकों को आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन यह वास्तविक कारण के लिए होना चाहिए और स्कूल के छात्रों को सड़कों पर नहीं लाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह दिल्ली में भी हुआ है। ये कहां जा रहा है? हम बच्चों के दिमाग को दूषित करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?’’
( यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है )