सार

देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा था कि पार्टी 14 फरवरी को होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव के लिए किसी को सिर्फ इसलिए टिकट नहीं दे सकती क्योंकि वह एक नेता का बेटा है। उनकी टिप्पणी को उत्पल पर्रिकर के संदर्भ में देखा गया।

पणजी : गोवा में विधानसभा चुनाव (Goa Election 2022) से पहले बीजेपी में नाराजगी की खबरें सामने आने लगी हैं। टिकट वितरण में अनदेखी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (manohar parrikar) के बेटे उत्पल पर्रिकर (Utpal Parrikar) ने बागी तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने गुरुवार को भाजपा से सवाल किया कि पार्टी ईमानदारी और चरित्र में विश्वास करती है या नहीं? उन्होंने कहा कि पणजी निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक अतानासियो मोनसेरेट को अपना टिकट देती है तो वह चुप नहीं बैठेंगे।

क्यों नाराज हुए उत्पल
दरअसल, उत्पल पणजी विधानसभा सीट से पार्टी का टिकट पाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि मनोहर पर्रिकर ने गोवा में बीजेपी पार्टी को स्थापित करने के लिए बहुत काम किया। लेकिन सिर्फ इसलिए कि आप मनोहर पर्रिकर के या किसी नेता के बेटे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको बीजेपी का टिकट मिल जाएगा। अगर उसके पास दिखाने के लिए काम है तो हम इसके बारे में सोचते हैं। लेकिन इस बारे में फैसला मेरे द्वारा नहीं लिया जाएगा, यह संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। उनकी टिप्पणी को उत्पल पर्रिकर से जोड़कर देखा गया।

उत्पल का फडणवीस को जवाब
फडणवीस के इस बयान के बाद उत्पल का पलटवार सामने आया। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं और देवेंद्र फडणवीस जैसे वरिष्ठ नेता ने जो कहा है उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। लेकिन, अगर मैं सिर्फ इसलिए टिकट मांगना चाहता हूं कि मैं दिवंगत मनोहर पर्रिकर का बेटा हूं, तो मैंने आखिरी बार यानी पर्रिकर के निधन के बाद उपचुनाव के दौरान इसकी मांग की होगी। बता दें कि पूर्व रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 17 मई 2019 को निधन हो गया था।

इस तरह की राजनीति बर्दाश्त नहीं - उत्पल
उत्पल पर्रिकर ने आगे कहा कि गोवा में जिस तरह की राजनीति हो रही है, मैं उसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह मुझे मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा क्या वे यह कहना चा रहे हैं कि उम्मीदवार का चरित्र कोई मायने नहीं रखता? आप एक ऐसे व्यक्ति को टिकट देने जा रहे हैं जिसका आपराधिक इतिहास रहा है। क्या हमें चुपचाप घर बैठना है? उन्होंने कहा कि ये बहुत महत्वपूर्ण चीजें हैं और यह केवल पणजी के बारे में नहीं है। गोवा के राजनीतिक परिदृश्य में जो हो रहा है वह स्वीकार्य नहीं है। इसे बदलना होगा। मैं यही कोशिश कर रहा हूं।

मनोहर पर्रिकर के समर्थक मेरे साथ - उत्पल
उत्पल ने कहा कि अगर आप मैदान पर जाएंगे तो देखेंगे कि जो लोग 1994 से बाबा यानी उनके पिता के साथ थे और जिन्होंने पणजी में पार्टी बनाई है, वे आज मेरे साथ हैं। मैं पणजी के लोगों के पास जा रहा हूं और मैं उनसे निजी तौर पर मिल रहा था। अब जब चुनाव नजदीक है तो मैं उनसे सार्वजनिक रूप से मिल रहा हूं। जो कार्यकर्ता मनोहर पर्रिकर के साथ थे, वे अब मेरे साथ हैं। मैं उनके साथआगे बढ़ रहा हूं। हालांकि उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि मैंने अभी तक फाइनल नहीं किया है। सही समय पर मैं फैसला लूंगा।

किसका विरोध कर रहे उत्पल
बता दें कि उत्पल का विरोध अतानासियो को लेकर है, जो एक पूर्व कांग्रेसी हैं। उन्होंने 2008 तक दंगों, बलात्कार सहित कई मामलों का सामना किया है। मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद अतानासियों को 2019 विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था। भाजपा उम्मीदवार सिद्धार्थ कुनकैलिनकर को पार्टी के टिकट के लिए उत्पल की जगह चुना गया।

14 फरवरी को गोवा में होगा मतदान
गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। गोवा में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर बताई जा रही है। तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी यहां चुनावी लड़ाई में अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं। पिछले चुनाव में भी आप पार्टी ने सभी 40 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन खाता नहीं खुला था। तृणमूल कांग्रेस यहां पहली बार चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस का गठबंधन फारवर्ड पार्टी के साथ तय हुआ है। पार्टी की बात कुछ और दलों के साथ भी चल रही है। 

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