सार
विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात सरकार तीन मार्च को अपना बजट (Gujarat Budget 2022) पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री कनुभाई देसाई (Kanubhai Desai) विधानसभा में राज्य का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेंगे।
गांधीनगर : विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात सरकार तीन मार्च को अपना बजट (Gujarat Budget 2022) पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री कनुभाई देसाई (Kanubhai Desai) विधानसभा में राज्य का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेंगे। वैसे तो भूपेंद्र भाई पटेल (Bhupendra Bhai Patel) सरकार का यह पहला बजट होगा लेकिन कहा जा रहा है कि चुनाव होने के चलते इसमें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश की जाएगी। इस बीच सबसे बड़ी चर्चा ये है कि क्या राजस्थान सरकार की तरह गुजरात सरकार भी पुरानी पेंशन योजना बहाल कर सकती है।
क्या बहाल होगी पुरानी पेंशन योजना
चुनावी साल होने के चलते पुरानी पेंशन योजना की सबसे ज्यादा चर्चा है। राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 23 फरवरी को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। जिसमें उन्होंने पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को बहला कर दिया है। इसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। ऐसे में जिन राज्यों में अभी बजट पेश होना है, उन पर इसे लागू करने का प्रेशर भी बन गया है। इसलिए गुजरात सरकार पर भी सबकी नजर है। सरकारी कर्मचारी सरकार से आस लगाए बैठे हैं तो कहा जा रहा है कि चुनाव में फायदा लेने के लिए सरकार ये कदम भी चल सकती है।
क्या है पुरानी पेंशन योजना
जीपीएफ की सुविधा
पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं.
रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसदी गारंटी
रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार) में 16.5 माह का वेतन (अधिकतम 20 लाख रु)
सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रच्युटी की सुविधा जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी
सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी
हर छह माह बाद महंगाई भत्ता, जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा
जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई इनकम टैक्स नहीं।
रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति
नई पेंशन स्कीम के बारे में जानिए
जीपीएफ की सुविधा नहीं है
वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती
निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं, यह पूरी तरह शेयर बाजार और बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी
नई पेंशन बीमा कंपनी देगी, यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा
रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी.
पारिवारिक पेंशन खत्म
लोन की कोई सुविधा नहीं (विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार रिफंडेबल लिया जा सकता है
रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसदी राशि वापस मिलेगी, उस पर इनकम टैक्स लगेगा
नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर आधारित, जो जोखिम पूर्ण है
महंगाई और वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा
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