सार
राजकोट जिले के डोलासा गांव में दो जुड़वा बच्चियां निष्ठा और निहारिका अपनी मां के साथ मस्ती करते हुए घर की सफाई करा रही थीं। इसी दौरान वह घर में बने अंडरग्राउंड पानी की टंकी में डूब गईं।
राजकोट (गुजरात). दीवाली आते ही सबसे ज्यादा अगर कोई खुश होता है तो वह हैं बच्चे। क्योंकि उनको पटाखे और मस्ती करने को जो मिलता है। लेकिन गुजरात के राजकोट के एक परिवार में इस बार दीपावली नहीं मनेगी। वहां बच्चों की किलकारी की जगह मातम की चीख सुनाई दे रही है। यहां खेलते वक्त दो दो जुड़वां बच्चियों की मौत हो गई।
बेटियों की चीख-पुकार सुनकर मां भी टंकी में कूद गई
दरअसल, राजकोट जिले के डोलासा गांव में दो जुड़वा बच्चियां निष्ठा और निहारिका अपनी मां के साथ मस्ती करते हुए घर की सफाई करा रही थीं। इसी दौरान वह घर में बने अंडरग्राउंड पानी की टंकी में डूब गईं। बेटियों की चीख-पुकार सुनकर मां किरण बेन दौड़कर पहुंची और पड़ोसियों की मदद से उनको निकालकर अस्पताल लेकर जाया गया। लेकिन डॉक्टर ने पहुंचते मासूमों को मृत घोषित कर दिया।
हमेशा के लिए बुझ गई घर की रोशनियां
बता दें कि यह पीड़ित परिवार राजकोट में रहता था। लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से वह अपने गांव में रह रहा था। पूरा परिवार काफी खुश था कि सब लोग मिलकर इस बार दीवाली मनाएंगे। लेकिन यह सपना सिर्फ सपना ही रह गया। उनको क्या पता था कि जिस दीवाली पर साथ दीपक जलाने का सोच रहे हैं उससे कुछ घंटे पहले उनके घर के चिराग यानि रोशनियां बुझ जाएंगी।
कई घरों में नहीं जला चूल्हा
पूरा इस दर्दनाक घटना से सदमे में है, कई घरों में तो इस दिन त्यौहार होने के बावजूद भी चूल्हे नहीं जले। मासूमों की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार बिलखते हुए कह रही है कि अब वो किसको अपनी बेटी कहेगी। किसको अपनी गोद में बैठाएगी।