सार
कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। संकट के इस समय अगर सबसे ज्यादा कोई अहम जिम्मेदारी निभा रहा है तो वह हैं हमारे देश की पुलिस के जवान। जो अपने फर्ज के आगे मजबूर होकर परिवार की खुशियां और गम में शामिल तक नहीं हो पा रहे हैं। ऐसी एक भावुक खबर गुजरात से सामने आई है।
सूरत (गुजरात). कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। संकट के इस समय अगर सबसे ज्यादा कोई अहम जिम्मेदारी निभा रहा है तो वह हैं हमारे जवान। जो अपने फर्ज के आगे परिवार की खुशियां और गम में शामिल तक नहीं हो पा रहे हैं। ऐसी एक भावुक खबर गुजरात से सामने आई है।
पत्नी और बेटे से महत्वपूर्ण ड्यूटी
दरअसल, सूरत के कर्मवीर पुलिस कांस्टेबल अनिरूद्ध सिंह राठौड़ के लिए ड्यूटी से बढ़कर कुछ नहीं है। दो दिन पहले उनकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया लेकिन सिपाही ने बेटे का चेहरा तक नहीं देखा। उन्होंने घर जाने के बजाय ड्यूटी करने का फैसला किया।
कांस्टेबल ने कही दिल को छूने वाली बात
सिपाही ने बेटे का चेहरा वीडियो कॉल पर देखा। वह बताते हैं कि उनकी पत्नी इस समय 400 किलोमीटर दूर है। लेकिन ऐसे समय में मेरी सबसे ज्यादा जरूरत देश को है। घर में पत्नी और बच्चे का ध्यान रखने के लिए और लोग भी हैं।