सार
लाचारी की यह तस्वीर सूरत शहर के एक प्राइवेट यूनिक अस्पताल की है। जहां पिछले आठ दिन से एक परिवार ने अस्पताल की सीढियों को अपना बसेरा बनाया हुआ है। जब अंदर बेड नहीं मिल सके तो वह बाहर खुले में सीढि़यों पर मां-बेटा बाहर सीढियों पर तिल-तिल मरने को मजबूर हैं।
सूरत/मुंबई. पूरे देश में कोरोना रोको नहीं रूक रहा है। रोज डरावने वाले आंकड़े सरकार और लोगों के लिए चिंता में डाल रहा है। कई राज्य में हालात इतने भयानक हो चुके हैं कि वह पहले की तरह अपनी जान बचाने और इलाज कराने के लिए पयालन करने लगे हैं। कोरोना काल की इस दूसरी लहर में अब झकझोरने वाली मार्मिक तस्वीरें सामने आने लगी हैं। ऐसी ही एक तस्वीर सूरत शहर से आई है जो मजबूरी, लापरवाही और संवेदनहीनता बयां कर रही है।
सीढियों पर तिल-तिल मरने को मजबूर मां-बेटा
दरअसल, लाचारी की यह तस्वीर सूरत शहर के एक प्राइवेट यूनिक अस्पताल की है। जहां पिछले आठ दिन से एक परिवार ने अस्पताल की सीढियों को अपना बसेरा बनाया हुआ है। जब अंदर बेड नहीं मिल सके तो वह बाहर खुले में सीढि़यों पर मां-बेटा बाहर सीढियों पर तिल-तिल मरने को मजबूर हैं।
जान बचाने एक राज्य से दूसरे राज्य भटका परिवार
बता दें कि महाराष्ट्र में इलाज नहीं मिलने के बाद नंदूबार जिले के बुजुर्ग दंपती और उनका 32 वर्षीय बेटा कोराना पॉजिटिव होने के बाद सूरत पहुंचे हुए थे। यहां ऐसी स्थिति में इस परिवार को सरकारी अस्पताल में जगह नहीं मिली और इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ा। लेकिन वहां सिर्फ अंदर पिता का इलाज चल रहा है। जबकि मां-बेटा अस्पताल के बाहर खुले में सीढि़यों पर इलाज करा रहे है।