सार

यह विधानसभा सत्र पांच दिसंबर के विधानसभा उपचुनाव के बाद पहला सत्र होगा। इस उपचुनाव में अयोग्य ठहराये गये कांग्रेस और जदएस के 13 में से 11 विधायक जीत गये थे। उनमें से दस को मंत्री बना दिया गया। एक नवनिर्वाचित मंत्री ने कहा, ‘‘ हम उसी विधानसभा में बतौर मंत्री प्रवेश करना चाहते थे जहां से हमें अयोग्य ठहरा दिया गया था। हम में से ज्यादातर पुननिर्वाचित होकर बतौर मंत्री अब प्रवेश करेंगे।’’

बेंगलुरु. कर्नाटक में राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ पुलिस के दुरुपयोग, केंद्रीय फंड में राज्य का हिस्सा पाने में सरकार की विफलता और आनंद सिंह की पर्यावरण मंत्री के रूप में नियुक्ति जैसे मुद्दे विपक्ष द्वारा उठाये जाने की संभावना के कारण सोमवार से यहां शुरू हो रहे 2020 के विधानमंडल के पहले सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।

2 मार्च से शुरू होगा कर्नाटक विधानसभा का बजट सत्र

पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को राज्यपाल वजूभाई वाला द्वारा संबोधित करने के साथ ही सत्र शुरू होगा और 20 फरवरी को उसका समापन होगा। विधानमंडल का फिर दो मार्च को बजट सत्र शुरू होगा और पांच मार्च को राज्य का बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र 31 मार्च तक चलेगा।

येदियुरप्पा का यह पांचवां बजट होगा

पिछले साल सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार के लिए यह पहला बजट होगा। वित्त विभाग का कामकाज भी देख रहे मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के लिए यह उनका पांचवां बजट होगा। विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने संविधान को अंगीकार किये जाने के 70 साल पूरे हो जाने पर दो और तीन मार्च को विशेष चर्चा कराने का निर्णय लिया है। उनकी आशा है कि चर्चा खासकर संविधान के अभिप्रयास पर केंद्रित हो और विधायक दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हिस्सा लें लेकन ऐसी आशंका है कि सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दे उठ सकते हैं।

कांग्रेस भाजपा को सत्र के दौरान घेरने की कोशिश करेगी

यह विधानसभा सत्र पांच दिसंबर के विधानसभा उपचुनाव के बाद पहला सत्र होगा। इस उपचुनाव में अयोग्य ठहराये गये कांग्रेस और जदएस के 13 में से 11 विधायक जीत गये थे। उनमें से दस को मंत्री बना दिया गया। एक नवनिर्वाचित मंत्री ने कहा, ‘‘ हम उसी विधानसभा में बतौर मंत्री प्रवेश करना चाहते थे जहां से हमें अयोग्य ठहरा दिया गया था। हम में से ज्यादातर पुननिर्वाचित होकर बतौर मंत्री अब प्रवेश करेंगे।’’

ऐसी संभावना है कांग्रेस भाजपा पर विरोधियों को निशाना बनाने को लेकर उसे विधानसभा में घेरने की चेष्टा कर सकती है। आनंद सिंह के खिलाफ कर्नाटक वन कानून और अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बावजूद उन्हें वन मंत्री बनाये जाने का मामला भी विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करने के लिए उठा सकता है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)