सार

अरुणाचल प्रदेश में अफीम की खेती की घटनाएं बढ़ रही हैं जिससे निपटने के लिए सरकार ने कई कदम उठाने शुरू कर दिए हैं

ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश में अफीम की खेती की घटनाएं बढ़ रही हैं जिससे निपटने के लिए सरकार ने कई कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मादक पदार्थ प्रकोष्ठ के राज्य नोडल अधिकारी ओली कोयू ने बताया कि राज्य सरकार की बहु अनुशंसात्मक समन्वय समिति ने गांव स्तर तक मादक पदार्थ निरोधक स्क्वाड गठित करने का निर्णय किया है। मुख्य सचिव नरेश कुमार इस समिति के मुखिया हैं।

इसके अलावा अफीम की खेती को नष्ट करने का काम भी तेजी से चल रहा है। उन्होंने मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2018-2019 में चार हजार एकड़ में लगी अफीम को नष्ट किया गया था वहीं 2017-18 और 2016-17 क्रमश: 5,000 और 2,500 एकड़ में लगी अफीम को नष्ट किया गया था।

तीन हजार एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया 

उन्होंने बताया कि 2017-2018 में अकेले नामसाई जिले में तीन हजार एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया गया था। कोयू ने बताया कि उग्रवादी समूह अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मादक पदार्थों की बिक्री में शामिल रहते हैं। गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश की सीमा म्यामांर से लगती है जो अफीम और हेरोइन जैसे मादक पदार्थ को लाओस और थाईलैंड पहुंचाने का सबसे सुगम रास्ता है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नशा करने वालों के प्रति जरा भी नरमी नहीं बरतने का रुख अपनाया हुआ है और वह इससे सर्वाधिक प्रभावित नौ जिलों में अफीम उगाने वाले के लिए वैकल्पिक फसल पर विचार कर रही है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)