सार

उत्तराखंड में 2013 में अचानक आई आपदा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। सरकार के पास डेटा नहीं होने के कारण काफी दिक्कतें हुई थीं। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए सरकार लंबे समय से सुरक्षा के उपाय तलाश रही थी। इस ऐप के जरिये सभी पर्यटकों और उनके वाहनों का डेटा सरकार के पास रहेगा।

ऋषिकेश। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने चारधाम यात्रा या हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा की तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टूरिस्ट केयर सिस्टम मोबाइल ऐप तैयार किया है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को फोन में 'टूरिस्ट केयर >सिस्टम' मोबाइल >एप डाउनलोड कर उस पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पर्यटन सचिव दिलीप >जावलकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस >ऐप के जरिये श्रद्धालुओं की गतिविधियों पर प्रशासन नजर रख सकेगा। 

14 स्थानों पर हाई >डेफिनेशन कैमरों से निगरानी
>जावलकर ने बताया कि पांचों धार्मिक स्थलों के रास्ते में 14 जगहों पर 28 हाई >डेफिनेशन कैमरे लगाए जा रहे हैं। जो यात्री >ऐप पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकेंगे, उन्हें >'इंडिविजुअल क्यू आर >कोड' वाला रिस्ट बैंड दिया जाएगा, जो टूरिस्ट केयर सिस्टम >ऐप से >जुड़ा होगा। यात्रियों और पर्यटकों के साथ ही उनके वाहनों की नंबर प्लेट को भी ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉर्डर के जरिये >ऐप से जोड़ दिया जाएगा। >ऐप से >जुड़ने के बाद वाहनों से आने वाले यात्रियों को मौसम विभाग से संबंधित जानकारियां और रूट की जानकारी >ऐप पर दी जा सकेगी। यात्रा के दौरान चौबीसों घंटे एक कंट्रोल रूम उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्यालय पर एक्टिव रहेगा। इस कंट्रोल रूम में ऐसी व्यवस्था की गई है कि इसकी फोन लाइन कभी भी व्यस्त नहीं रहेगी।

केदारनाथ आपदा के बाद आया >ऐप का आयडिया
2013 में उत्तराखंड में अचानक आई आपदा में 5,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। सरकार के पास बहुत सारे लोगों की जानकारी तक नहीं थी। इस त्रासदी के बाद से चार धाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के उपायों पर मंथन चल रहा था। अधिकारियों का मानना है कि इस >ऐप के जरिये आपदा, मौसम की जानकारी और यात्रा में कितने लोग शामिल हैं, उसका पूरा ब्योरा सरकार के पास रहेगा। इससे सरकार को पर्यटकों की सुरक्षा में आसानी होगी।

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