सार

राजकोट में एक ईर्ष्यालु जेठानी ने अपनी देवरानी के तीन साल के बेटे को गला दबाकर मार डाला। आरोपी महिला इस बात को लेकर नफरत पाले बैठी थी कि परिवार के लोग उसके बेटे से ज्यादा देवरानी के बेटे को लाड़-दुलार करते हैं।

राजकोट, गुजरात. बर्थ-डे के तीन दिन पहले तीन साल के मासूम को उसकी ही ताई ने गला दबाकर मार डाला। आरोपी महिला इस बाद को लेकर नफरत से भरी हुई थी कि लोग उसके बेटे से ज्यादा देवरानी के बेटे को प्यार करते हैं। इसी बात को लेकर देवरानी-जेठानी में अकसर विवाद होता रहता था। घटना शनिवार की है। पुलिस ने आरोपी महिला को अरेस्ट कर लिया है। बच्चे का 31 दिसंबर को जन्मदिन था। इसके लिए उसकी मां ने नये कपड़े और शूज खरीदे थे। बच्चे को इन्हीं नये कपड़े और शूज पहनाकर अंतिम विदाई दी गई।


बच्चा जान बचाने छटपटाता रहा, लेकिन ताई नहीं पिघली...
तीन साल का कुशाल अपने पिता 35 वर्षीय कमलेश डोबरिया और मां यशोदा के साथ रहता था। एक ही घर में उसकी ताई पारुलबेन अपने पति अल्पेश और बेटे के साथ रहती है। पारुलबेन ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने पुलिस को बताया कि जब वो कुशाल का गला दबा रही थी, तब वो आंटी-आंटी चिल्ला रहा था। शनिवार को कुशाल की मां उसे आंगनबाड़ी केंद्र में छोड़कर गई थी। लेकिन जब मां कुशाल को लेने पहुंची, तो बताया गया कि कुशाल को उसकी ताई लेकर चली गई है। यशोदा ने जब इस बारे में अल्पेश और पारुलबेन से पूछा, तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी पता होने से साफ मना कर दिया। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। जब पुलिस ने पारुलबेन से सख्ती दिखाई, तो वो टूट गई।


पिता बोला, भाभी को जरा-सी भी दया नहीं आई
मासूम बेटे की लाश को देखकर सदमे में रोये जा रहे कमलेश बार-बार यही दुहरा रहे थे कि भाभी को जरा भी दया नहीं आई। उस मासूम ने उनका क्या बिगाड़ा था? पारुल जिस ऑटो में कुशाल को लेकर बैठी थी, पुलिस ने उसे भी खोज निकाला। इसके बाद पारुल आनाकानी नहीं कर सकी। पारुल ने कुशाल की हत्या से पहले घर का दरवाजा और खिड़कियां बंद कर दी थीं, ताकि वो चिल्लाए भी तो किसी के कानों तक आवाज नहीं पहुंचे। पारुल इतनी पागलपन में डूब गई थी कि कुशाल गला दबने पर उल्टियां करने लगा था। इसके बाद पारुल ने अपने दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया। पारुल का पति भी इस घटना से सदमे में है।