सार
महात्मा की पौत्रवधू शिवालक्ष्मी की कोई संतान नहीं थी। वे अकेले एक आश्रम में रहती थीं। वे लंबे समय तक दिल्ली और बैंगलोर के बाद मरोली के आश्रम में रहीं। इसके बाद सूरत में आकर बस गई थीं। 94 साल की शिवालक्ष्मी ने सूरत के ग्लोबल हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थीं। शिवालक्ष्मी सूरत के भीराड स्थित आश्रम में पिछले 2 साल से रह रही थीं।
सूरत, गुजरात. महात्मा गांधी की पौत्रवधू शिवालक्ष्मी का 94 साल की उम्र में निधन हो गया। शिवालक्ष्मी की कोई संतान नहीं थी। वे लंबे समय तक दिल्ली और बैंगलोर के बाद मरोली के आश्रम में रहीं। इसके बाद सूरत में आकर बस गई थीं। 94 साल की शिवालक्ष्मी ने सूरत के ग्लोबल हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थीं। लेकिन पिछले दिनों वे घर में गिर गई थीं। शिवालक्ष्मी सूरत के भीराड स्थित आश्रम में पिछले 2 साल से रह रही थीं।
घर पर गिर गई थीं...
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, शिवालक्ष्मी घर में गिर गई थीं। उन्हें ग्लोबल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उम्र अधिक होने से वे चोट नहीं झेल पाईं और हॉस्पिटल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें कि गांधी के तीसरे बेटे रामदास की तीन संतानें थीं। इनमें एक बेटा कनुभाई के अलावा दो बेटियां सुमित्रा बेन और उषा बेन थीं। शिवालक्ष्मी की शादी कनुभाई से हुई थी। कनुभाई और शिवालक्ष्मी वर्ष, 2013 में विदेश से भारत आकर बस गए थे। इस दम्पती के कोई संतान नहीं थी। वर्ष, 2014 में दम्पती सूरत में आकर बस गए थे। वे यहां भारती मैया आनंदधाम वृद्धाश्रम में रहने लगे थे।