सार
पुष्कर सिंह धामी ऊधमसिंहनगर की खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनका जन्म 16 सितंबर 1975 में पिथौरागढ की टुण्डी गांव में हुआ है। धामी ने पढ़ाई में मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में मास्टर्स किया हुआ है।
देहरादून. उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। पुष्कर सिंह धामी राज्य के नए मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। बीजेपी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई। खबरें सामने आ रही हैं कि पुष्कर सिंह धामी आज ही सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से चल रहे सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात प्रदेश के राज्यपाल बेनी रानी मोर्या से मुलाकत कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया था। तभी से राजनीतिक गलियारों में कई सीनियर नेताओं के नामों के बारे में कयास लगना शुरू हो गए थे। आखिर में केंद्रीय नेताओं के मंथन के बाद धामी के नाम का ऐलान हुआ।आइए जानते हैं कौन हैं पुष्कर सिंह धामी..जिन्हें बीजेपी ने बनाया है चुनाव से पहले सीएम...
इतने पढ़े-लिखे हैं नए मुख्यमंत्री
दरअसल, पुष्कर सिंह धामी ऊधमसिंहनगर की खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनका जन्म 16 सितंबर 1975 में पिथौरागढ की टुण्डी गांव में हुआ है। धामी ने पढ़ाई में मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में मास्टर्स किया हुआ है।
कई पदों पर काम कर चुके हैं उत्तराखंड के नए सीएम
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरूआत छात्र जीवन से की है। उन्होंने 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में काम किया है। इसके अलावा वह दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
दो बार बने विधायक और अब सीधे सीएम
पुष्कर सिंह धामी ने साल 2012 में पहली बार विधान सभा चुनाव जीता है। वह 2017 में दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। वह राज्य की भाजपा 2010 से 2012 तक शहरी विकास परिषद के उपाध्यक्ष रहे। बताया जाता है कि पार्टी ने युवा होने के चलते धामी को सीएम बनाया है। क्योंकि केंद्र के सीनियर नेताओं का मानना है कि अगले साल राज्य में होने वाले विधनसभा चुनाव में युवा की दम पर जीत हासिल की जा सकती है।
कभी मंत्रिमंडल में मंत्री तक नहीं रहे
दिलचस्प बात यह है कि धामी ने कभी भी राज्य मंत्रिमंडल में भी मंत्री पद नहीं संभाला है। हालांकि बताया जाता है कि उन्होंने मंत्रि पद नहीं लेकर भी बाहर से ही अपने काम से पार्टी के प्रति अपने समर्पण को साबित किया है। कहा तो यह भी जाता है कि जब वह दूसरी बार विधायक का चुनाव जीतकर आए थे तो उनका नाम मंत्रियों की लिस्ट में था, लेकिन उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।
विवादों से दूर रहते हैं धामी
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी को बीजेपी ने इसलिए राज्य के सीएम की कुर्सी दी है क्योंकि धामी हमेशा ही विवादों से दूर रहे हैं। इतना ही नहीं वह भ्रष्टाचार और यवाओं के लिए आवाज उठाते हैं। बताया जाता है कि उनकी युवाओं में काफी लोकप्रियता है, जिसको बीजेपी आने वाले विधानसभा चुनाव में भुनाएगी। इतना ही नहीं वह RSS का करीबी माना जाते हैं और राज्य के पूर्व सीएम और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के भी करीबी हैं।
सीएम का नाम फाइनल होते ही धामी ने कही यह बात
उत्तराखंड भाजपा विधायक दल की बैठक में नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 'पार्टी ने एक भूतपूर्व सैनिक के बेटे एक आम कार्यकर्ता को राज्य की सेवा का अवसर दिया है, हम राज्य की जनता की कल्याण और हित के लिए मिलकर काम करेंगे। कम से कम समय में उनकी मदद कर समस्याओं को हल करेंगे'